सोने वाले जाग जा
किस धुन में बेठा वन्वारे तू किस नव में मस्ताना है वो सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है
किस धुन में बेठा वन्वारे तू किस नव में मस्ताना है वो सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है
तर्जे – ओ गुरू सा थारो हो… बाबोसा …..बाबोसा …. तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम्ही हो बंधु सखा
आखण तती हवा ना लगे मै लाल तो सदके जाँवा माँवा ठण्डीयाँ छाँवा सदा भला बचिया दा चाहवे दुःख सेह
ज़रा बँसी बजा दो मनमोहन, हम आरती करने आए हैं ll मेरे हाथ में अगर कपूर बाती , हम ज्योत
करोना की विदाई तेरे घर रहने में है , तेरे अपनों की भलाई तेरे घर रहने में है, तू अभी
जब जब बहार आई और फूल मुस्कुराए मुझे तुम याद आए जब जब भी चाँद निकला और तारें जगमगाए मुझे
तूही मेरा पुत्त ऐ तू ही मेरी धी नी लग जे उम्र मेरी जुग जुग जी नी कॉलज चे दाखला
संतों गगन मंडल करो वासा , यहाँ देखो अज़ब तमाशा, घर मेरो गगन सुरति मेरो चोखा, चेतन चवर धुलावे, इंग्ला
जो मात पिता को न पूजे, उसका जीवन बेकार है, मात पिता से बढ़कर जग में, कोई तीरथ न धाम
जरा तारों से तारे मिलाके तो देख, ज़रा मोहन को दिल से बुला के तो देख, प्रभु खिचे हुए बंधे