प्रभु खिचे हुए बंधे हुए चले आयेंगे
जरा तारों से तारे मिलाके तो देख, ज़रा मोहन को दिल से बुला के तो देख, प्रभु खिचे हुए बंधे
जरा तारों से तारे मिलाके तो देख, ज़रा मोहन को दिल से बुला के तो देख, प्रभु खिचे हुए बंधे
गोदा जी का धाम बड़ा प्यारा मिल गया सहारा आके यह रे, बाबा से मिले है सहारा अजब है नजारा
अपने सपने तोड़ के पापा पुरे मेरे करते है, इन सपनो की कीमत क्या है ये हम न समझते है,
तेरी तुलना किससे करू माँ तुझसा और ना कोई, जब जब टुटा मेरा खिलौना मुझसे पहले तू रोइ, तेरी तुलना
धरती माता की संतान चलो चले कुंभ महान, पापो से मुक्ति मिल जाती कर तिरवेनी में अस्नान, तीर्थ राज प्राग
सब में तू है ना दूसरा कोई, कैसे केहदूँ के है बुरा कोई। पहले लगता था, अब नहीं लगता, तुम
मनवा जीवन का काहे करत घुमान, मोह माया को तज के उसकी महिमा को ले जान, मनवा जीवन का काहे
चांदण चांदण झाली रात, एकविरीची पाहत होते वाट, पुण्याचा सोनार बोलवा ग, आईला नथनि घडावा ग, हळदी ग कुंकवाच घेऊन
मन रे, तू काहे ना धीर धरे वो निरमोही मोह ना जाने जिनका मोह करे मन रे, तू काहे धीर
दुःख सुख दोनों तन के कपडे किस कारन पहनाए किस कारन पहनाए तुझे क्यों समझ न आए, तुझे क्यों समझ