
क्या लेके आया बंदे
क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा, दो दिन की जिन्दगी है, दो दिन का मेला॥ ईस जगत सराऐ में,

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा, दो दिन की जिन्दगी है, दो दिन का मेला॥ ईस जगत सराऐ में,

तुम्हारा छोड़ कर दमन बताओ मैं कहाँ जाऊं दयालु आप सब सा भगवन, बताओ मैं कहाँ पाऊँ अजामिल सा अधम

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी, क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे, नाथ कब तक रहेंगे कड़े एक

सूता रे वे तो जागो नींद सूं बाबो थोरे घरे आया ओ कलियुग रो अवतारी बाबो असली रूप बणाया ओ

वेला हथ ना औना जी ओ बंदेया जीवन वगदा पानी, ओहना नाल ध्या लै तू जिसने विगड़ी बात बनाउनी, जे

देखो तो सब चोर जगत में राज्य के चोर हैं राजा रानी शहर चोर व्यापारी, पांच चोर सब के उर

बेटी ये कोख से बोल रही, माँ कर दे मुझ पे ये उपकार मत मार मुझे जीवन देदे, मुझकों भी

तर्ज – उड़ जा काले कौवा तेरे …. आया हवा का झोंका लाया शुभ संदेशा लाया मंगल बेला अनुपम अवसर

मुंडल बाबो सेठ, चारों सतियाँ ही सेठानी है, या तो केड की महारानी है,मुंडल बाबो सेठ…. दरबार है प्यारा,सारे जग

तर्ज :-जहाँ डाल-डाल पर सोनेे की जहाँ बार -बार जाने को, भक्तों मन करे हमारा, वो खोली धाम है प्यारा,