
शरीर भिन्न भिन्न हो सकते हैं उनमें शरीरी एक ही है
सर्वप्रथम मिट्टी से निर्मित समस्त शरीरों को उनमें स्थित गुणों अवगुणों के आधार पर मनुष्यों ने उन सबका नामकरण किया!

सर्वप्रथम मिट्टी से निर्मित समस्त शरीरों को उनमें स्थित गुणों अवगुणों के आधार पर मनुष्यों ने उन सबका नामकरण किया!

Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है?Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है जो जन्म और मरण के बन्धन

हरि कृपा…. भगवत पथ कृपा स्वरूप है, कृपा, सहज कृपा, अकारण कृपा, नित्य कृपा, अहैतुकी कृपा , केवल कृपा।कलुषित चित्त

प्रेम सिर्फ अपने काम और ईश्वर से करों, क्योंकि ये दोनों कभी धोखा नहीं देते। जीवन में हारता वो है

।। श्रीहरि: ।। आहुः शरीरं रथमिन्द्रियाणिहयानभीषून् मन इन्द्रियेशम्।वर्त्मानि मात्रा धिषणां च सूतंसत्त्वं बृहद् बन्धुरमीश सृष्टम्।। अक्षं दश प्राणमधर्म धर्मौचक्रेऽभिमानं रथिनं

गतांक से आगे – श्रीवृन्दावन में पहुँच कर रात्रि में यमुना तट पर गौरा ने विश्राम किया था…यमुना जल और

गतांक से आगे – कलकत्ता रेल मार्ग से मथुरा पहुँचीं थीं गौरा ….कलकत्ता और नवद्वीप के शताधिक भक्त थे …उनके

📖✨ 📖 भाग – 4 गतांक से आगे – हे श्याम सुन्दर ! बस मुस्कुराते रहोगे क्या ? मेरे मीत

– अल्लाहो अकबर …अल्लाहो अकबर ….. ये क्या हो गया है बाबा ! हमारे सुन्दर “ढाका” को किसकी नज़र लग

गतांक से आगे – माता के बिना बालिका गौरा का पालन पोषण उसके पिता क्षितिश चन्द्र चक्रवर्ती कर रहे थे