श्रीकृष्ण भक्त ताज बीबी की कथा 2⃣
।।श्रीहरिः।। ताज बीबी गुसाईं जी का सत्संग भी सुनने के लिए आया करती थी। वह सत्संग में जिस लीला का
।।श्रीहरिः।। ताज बीबी गुसाईं जी का सत्संग भी सुनने के लिए आया करती थी। वह सत्संग में जिस लीला का
।।श्रीहरिः।। ताज बीबी भगवान् श्रीकृष्ण की परम भक्त थीं। उनके पिता का नाम पढ्न खान था। ताज बीबी का विवाह
श्रीहरी:अनिर्वचनीय प्रेम(पोस्ट 1 ) जो मनुष्य संसार से दु:खी होकर ऐसा सोचता है कि कोई तो अपना होता, जो मुझे
नाम धार कर मौन हो जन राधे भगवान ;*बीज गुप्त रह भूमि मे बनता वृक्ष महान !एकदा एक बालक ने
एक “शब्द”अगर इसे लोगो से पूछा जातातो जबाब क्या होता “प्रेम क्या है..?”लओत्सो———-प्रेम एक ध्यान हैजिस में केन्द्रित हो जाओ.!
प्रथम तो मनुष्य जन्म मिलना; क्योंकि यह देव-दुर्लभ है। देवयोनि भोग-योनि है जब तक पुण्य-कर्मों का फल शेष है, देवयोनि
परमात्मा न सबको कुछ न कुछ दिया है,किंतु कुछ लोग धन दौलत मिलने से खुश रहते है।जबकि उनके भीतर आंतरिक
मनुष्य जीवन को सुरक्षित कर लेना चाहता है,जो कि सुरक्षित हो ही नहीं सकता क्योंकि मौत सब कुछ छीन लेगी।सभी
भगवान की पूजा करने के लिए शारीरिक पवित्रता से ज्यादा जरूरी है मन की पवित्रता। पढ़िए यह किस्सा: रामकृष्ण परमहंस
भारत ही एक ऐसा देश हैं जहां एक से ज्यादा जाति, धर्म, समुदाय, लिंग, पंथ आदि के लोग मिलजुल कर