बहुत-से जन्म तो हमारे हो चुके
( पोस्ट 1 )
|| श्री हरि: ||— :: x :: — — :: x : : —आज आपको बहुत लाभ की बात बतायी
|| श्री हरि: ||— :: x :: — — :: x : : —आज आपको बहुत लाभ की बात बतायी
|| श्री हरि: || गत पोस्ट से आगे……..यदि परमात्मा की प्राप्ति के लिये साधन होगा तो कंचन-कामिनी, मान-बड़ाई में अटकेंगे
सत्य को,सदैव तीन चरणों,से गुजरना होता है, उपहास, विरोध, अनंत स्वीकृतिपानी की एक बूंद गर्म तवे पर पड़े तो मिट
जब तक देहाभिमान है तब तक आत्मज्ञान नही हो सकता है और भगवान की भक्ति के विना देहाभिमान नष्ट नही
किसी ने मुझसे पुछा कि मेरी दिन चर्या ऐसी हैमुझे कभी-2 प्याज लहसुन का बना भी खानापडता है…..??क्या मैं उस
यमुनाजी अलौकिक निधि भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति कराने वाली हैं । जो वैष्णव अष्टप्रहर यमुनाजी के नामों का उच्चारण करता
🙏मोह में फंसकर आप परमात्मा जैसे प्यारे रिश्ते को कैसे भूल जाते हैं !संसार में अगर कोई भी रिश्ता सच्चा
हर हर महादेव एक महान संत हुआ करते थे जो अपना स्वयं का आश्रम बनाना चाहते थे जिसके लिए वो
पञ्चतन्त्र में एक कथा आती है एक कुत्तेकी, जो कई दिनोंसे भूखा था। खाना खोजता-फिरता था। चलते-चलते वह एक नदीके
|| श्री हरि: || गत पोस्ट से आगे…………उपनिषदों में जहाँ तत्व की बात बतायी गयी है, कहा है कि यह