मीराबाई का मान रखने के लिये स्वयं श्री कृष्ण स्त्री बन गये
राणा सांगा के पुत्र और अपने पति राजा भोजराज की मृत्यु के बाद जब संबन्धीयो के मीरा बाई पर अत्याचार
राणा सांगा के पुत्र और अपने पति राजा भोजराज की मृत्यु के बाद जब संबन्धीयो के मीरा बाई पर अत्याचार
अनन्तता शब्द आपने ज़रूर सुना होगा। इसका अर्थ है, अपने आराध्य देव के सिवा, किसी और से किंचित् भी अपेक्षा
भक्ति आंखों से नही होती है,वरना सूरदासजी कभी नहीं कर पाते । भक्ति जाति देख के नही होतीवरना शबरी को
बहुत से ऐसे लोग जो माला आदि करने में भजन के साधन आदि करने में आलसी हैं वह प्राय यह
गरीबी से जूझती सरला दिन-ब-दिन परेशान रहने लगी थी।भगवान के प्रति उसे असीम श्रद्धा थी और नित नेम करके ही
एक सेठ बड़ा धार्मिक था संपन्न भी था। एक बार उसने अपने घर पर पूजा पाठ रखी और पूरे शहर
प्रभु की भक्ति चाहे कितने कष्ट, कठिनाइयां, निन्दा तथा हानि सहन करने पर प्राप्त हो तो सस्ता सौदा समझो क्योंकि
एक शहर में एक अमीर सेठ रहता था। उसके पास बहुत पैसा था। वह बहुत फैक्ट्रियों का मालिक था। एक
भक्त कहता है कि वास्तव में ये काया रूपी झोपड़ी भगवान की है इस झोपड़ी में आत्मा रूपी दिया भगवान
.राज पूताना के किसी गांव में कुम्हार जाति के एक कूबा जी नाम के भगवद्भक्त रहते थे।.ये अपनी पत्नी पुरी