कार्तिक की तारा भोजन की कहानी
एक राजा की लड़की तारा भोजन करती थी। उसने अपने पिताजी से कहा, पिताजी मुझे नौ लाख तारे बनवा
एक राजा की लड़की तारा भोजन करती थी। उसने अपने पिताजी से कहा, पिताजी मुझे नौ लाख तारे बनवा
. एक समय की बात है किसी नगर में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था और उसकी सात बहुएँ
हमारे घर-आगंन में जिनकी उपस्थिति मात्र से सभी दुःख अपने आप दूर हो जाते हैं ऐसी पूज्यनीय तुलसी को नित्य
दीपक जलाकर अपने हाथ अवश्य धोएं। बिना हाथ धोए अन्य कर्म निषिद्ध हैं। इससे पाप लगता है — दीपं स्पृष्ट्वा
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अलग-अलग महिमा है। शास्त्रों में चातुर्मास में आने वाले कार्तिक मास को धर्म,
कलियुग में सबसे ज्यादा माँ लक्ष्मी जी की पूजा होती है, मां लक्ष्मी जी की कृपा जिन घरों में रहती
एक बार राधा जी सखी से बोलीं–‘सखी ! तुम श्री कृष्ण की प्रसन्नता के लिए किसी देवता की ऐसी पूजा
गोवर्धन धराधर गोकुल त्राणकारक।विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।। इस पूजा को करने वाले व्यक्ति का सीधा प्रकृति से सामंजस्य बनाता
पौराणिक महत्व शास्त्रों के अनुसार भाई को यम द्वितीया भी कहते हैं इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उन्हें
गोवर्धन पूजा , जब एक नन्हे से बालक द्वारा सनातन धर्म की आधारभूत सर्वदेवमयी गौमाता की रक्षार्थ देवराज इंद्र जैसे