
तुलसी महारानी नमो नमः
हमारे घर-आगंन में जिनकी उपस्थिति मात्र से सभी दुःख अपने आप दूर हो जाते हैं ऐसी पूज्यनीय तुलसी को नित्य

हमारे घर-आगंन में जिनकी उपस्थिति मात्र से सभी दुःख अपने आप दूर हो जाते हैं ऐसी पूज्यनीय तुलसी को नित्य

सुख भोगे जो कथा सुने विश्वास बाइसवां अध्याय लिखे यह दास** *राजा पृथु ने नारद जी से पूछा :–* हे

सूखे भोगे जो कथा सुने विश्वास तेइसवा़ अध्याय लिखे यह दास** *नारद जी बोले: –* हे राजन! यही कारण है

अब राजा पृथु ने पूछा–हे देवर्षि नारद! इसके बाद युद्ध में क्या हुआ तथा वह दैत्य जलन्धर किस

उस समय शिवजी के गण प्रबल थे और उन्होंने जलन्धर के शुम्भ-निशुम्भ और महासुर कालनेमि आदि को

दीपक जलाकर अपने हाथ अवश्य धोएं। बिना हाथ धोए अन्य कर्म निषिद्ध हैं। इससे पाप लगता है — दीपं स्पृष्ट्वा

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अलग-अलग महिमा है। शास्त्रों में चातुर्मास में आने वाले कार्तिक मास को धर्म,

कलियुग में सबसे ज्यादा माँ लक्ष्मी जी की पूजा होती है, मां लक्ष्मी जी की कृपा जिन घरों में रहती

सुख भोगे जो कथा सुने विश्वास सोलवा अध्याय लिखे यह दास राजा पृथु ने कहा:- हे नारद जी ! यह

सुख भोगे जो कथा सुने विश्वास अठारवा अध्याय लिखे यह दास अब रौद्र रूप महाप्रभु शंकर नन्दी पर चढ़कर युद्धभूमि