सतावे सावन की फुहार।विरह गीत
सतावे सावन की फुहार।रिमझिम-रिमझिम मेघ बरस रहे, राधा करें विचार। नीम के पेड़ पर झूला पड़ गया, झूल रही हैं
सतावे सावन की फुहार।रिमझिम-रिमझिम मेघ बरस रहे, राधा करें विचार। नीम के पेड़ पर झूला पड़ गया, झूल रही हैं
सावन के गीत सावन की घटा निरखि निरखिमन बन जाए वन की मोरनीयां।झूम झूम कर नाचुं आज सखीछम छम बाजे
सोनी सुघर बुलाय नगर के,रतन अमोल जडावों…ll गहरे रंग चुनरी सारी,छिपन पे जु रंगावों…l कन्या गोप जिति मों साथिन,सादर सब
उत्तर भारत की विवाहित महिलाएं सावन महीने में मनाती हैं। खासकर बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में
आया सावन मतवालासभी झूम रहे सावन में,और गीत गा रहे सावन के पार्वती संग भोला, नाच रहे कैलाश में,डम-डम बाजे
संपूर्ण धरती पर शिव का ही धर्म प्रचलित है :-आदिदेव शिव और गुरु दत्तात्रेय को धर्म और योग का जनक
हे सखी, वर्षा_ऋतु आ गई, परंतु हरि अभी तक नहीं आए, उनसे मिलना नहीं हो सका। आकाश में बादल गरजने
सावन मास में वृंदावन में बिहारी जी के फूल बंगले सजते हैं सब सावन के झूलों के गीत गा गा
सावन का पहला दिवस,आया सोमवार |आओ शिव मंदिर चले, करने शिव दीदार || सकल विश्व को यूं मिला, सावन में
शिवपुराण के अनुसार, सावन का महीना बेहद खास माना जाता है. क्योंकि इस माह को भगवान शिव के सभी भक्त