शिव के धर्म और ज्ञान का प्रचार… सावन विशेष में जानिए
संपूर्ण धरती पर शिव का ही धर्म प्रचलित है :-आदिदेव शिव और गुरु दत्तात्रेय को धर्म और योग का जनक
संपूर्ण धरती पर शिव का ही धर्म प्रचलित है :-आदिदेव शिव और गुरु दत्तात्रेय को धर्म और योग का जनक

हे सखी, वर्षा_ऋतु आ गई, परंतु हरि अभी तक नहीं आए, उनसे मिलना नहीं हो सका। आकाश में बादल गरजने

सावन मास में वृंदावन में बिहारी जी के फूल बंगले सजते हैं सब सावन के झूलों के गीत गा गा

सावन का पहला दिवस,आया सोमवार |आओ शिव मंदिर चले, करने शिव दीदार || सकल विश्व को यूं मिला, सावन में

शिवपुराण के अनुसार, सावन का महीना बेहद खास माना जाता है. क्योंकि इस माह को भगवान शिव के सभी भक्त

साल में कुल 12 मासिक शिवरात्रियां होती हैंऔरसावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि का नाम दिया गया

19 साल बाद सावन में बन रहा है अति दुर्लभ संयोग, जानिए कब से शुरू हो रहा है यह पावन

शिव जी का प्रिय श्रावणमास 4 जुलाई मंगलवार से प्रारंभ होकर 31 अगस्त गुरुवार को समाप्त को समाप्त हो रहा

।। श्री विठ्ठल सुप्रभातम् ।। कौसल्या सुप्रजा राम पूर्वा सन्ध्या प्रवर्तते।उत्तिष्ट नरशार्दूल कर्तव्यं दैवमाह्निकम्।। उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज।उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यं

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इसी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ