त्रिपुरदास जी की प्रेम-लीला
जब प्रेम सच्चा हो, तो भगवान स्वयं वस्त्र पहनने आते हैं। त्रिपुरदास जी ब्रजभूमि के शेरगढ़ में एक राजा के
जब प्रेम सच्चा हो, तो भगवान स्वयं वस्त्र पहनने आते हैं। त्रिपुरदास जी ब्रजभूमि के शेरगढ़ में एक राजा के
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद तुम अकेले क्या कर सकते होसृष्टि हमेशा दो में होती है तुम्हारे भीतर शक्ति
एक समय की बात है गुरु और शिष्य किसी गांव से गुजर रहे थे थोड़ी दूर चलने पर गुरू जी
पूछा है कि हम कैसे हो जाएं कि परमात्मा प्रगट हो सके?एक छोटी सी कहानी अंत में कह देनी है।
एक दिन एक प्रकांड ज्योतिषी जंगल से गुजरते हुए कच्ची मिट्टी पर पड़े पैरों के निशान देखकर चौंक गया। ऐसे
इस जगह का नाम कन्याकुमारी पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने
एक बार किसी गांव में एक बडे संत महात्मा का अपने शिष्यो सहित आगमन हुआ। सब इस होड़ में लग
मौन में क्रांति – एक जैन कथा अहंकार से आत्मज्ञान तक बहुत समय पहले, चम्पापुरी नामक एक शांत नगर में
श्यामसुन्दर का प्रेम क्या वस्तु है वास्तव में बात यह है कि भगवद्प्रेम साधना से नहीं मिलता। यह तो उसी
गुरु समर्थ रामदास स्वामी जयंती महाराष्ट्र भूमि संत-महात्माओं की खदान है। ज्ञानेश्वर, तुकाराम, एकनाथ, नामदेव, संत जनाबाई, मुक्ताबाई, सोपानदेव आदि