
महादानी तेजस्वी सूर्यपुत्र कर्ण का जीवन इतना त्रासदी युक्त क्यों रहा?
एक असुर था – दम्बोद्भव । उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की । सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट
एक असुर था – दम्बोद्भव । उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की । सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट
मंदिर के शिखर के ऊपर अष्टधातु में बना एक विशाल चक्र है जिसे नील चक्र अथवा श्री चक्र कहते हैं।
उस दिन सबेरे 6 बजे मैं अपने शहर से दूसरे शहर जाने के लिए निकली, मैं रेलवे स्टेशन पहुंची ,
राजकुमारी कार्विका सिंधु नदी के उत्तर में कठगणराज्य की राजकुमारी थी । राजकुमारी कार्विका बहुत ही कुशल योद्धा थी। रणनीति
हर समय कण्ठी माला लेकर बैठे रहते हो ।कभी कुछ दो पैसे का इंतजाम करो लड़की के लिए लड़का नहीं
दीनदयाल नाम का एक व्यक्ति था जिसके रूई के बहुत बड़े-बड़े कारखाने थे और उसकी रूई इतनी कोमल होती थी
हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथो वाल्मीकि रामायण, महाभारत आदि में कई ऐसे पात्रों का वर्णन है जिनका जन्म बिना माँ के
जिस रुप में कृष्ण को भजो उसी रुप में ठाकुर दर्शन देते हैं। प्रभु की हर लीला भक्तों के लिए
गतांक से आगे- हित हरिवंश महाप्रभु जी के बचपन के पल प्रसंग 1:हितहरिवंश महाप्रभु जी 4-5 साल के थे तब का एक
दुर्जन को सज्जन बनाने की कला क्या ❓ शत्रु को मित्र बनाने की कला ❓ *पापी को पुण्य आत्मा बनाने