
“पालनहारा मोर मुकुट मुरलीवाला” कथा
हर समय कण्ठी माला लेकर बैठे रहते हो ।कभी कुछ दो पैसे का इंतजाम करो लड़की के लिए लड़का नहीं
हर समय कण्ठी माला लेकर बैठे रहते हो ।कभी कुछ दो पैसे का इंतजाम करो लड़की के लिए लड़का नहीं
दीनदयाल नाम का एक व्यक्ति था जिसके रूई के बहुत बड़े-बड़े कारखाने थे और उसकी रूई इतनी कोमल होती थी
हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथो वाल्मीकि रामायण, महाभारत आदि में कई ऐसे पात्रों का वर्णन है जिनका जन्म बिना माँ के
जिस रुप में कृष्ण को भजो उसी रुप में ठाकुर दर्शन देते हैं। प्रभु की हर लीला भक्तों के लिए
गतांक से आगे- हित हरिवंश महाप्रभु जी के बचपन के पल प्रसंग 1:हितहरिवंश महाप्रभु जी 4-5 साल के थे तब का एक
दुर्जन को सज्जन बनाने की कला क्या शत्रु को मित्र बनाने की कला
*पापी को पुण्य आत्मा बनाने
गणितज्ञ “लीलावती” का नाम हममें से अधिकांश लोगों ने नहीं सुना है, उनके बारे में कहा जाता है कि वो
“पीली साड़ी गले में कृष्ण भगवान की कंठमाला…, आज के युग की यशोदा मां” शायद आप लोग इन्हें नहीं जानते
आज मै आपको भगवान शरभेश्वर की कथा सुनाता हूं, जो शिव महापुराण ‘शत रूद्र संहिता’ में वर्णित है।जब भगवान विष्णु
दक्षिण में एक भक्त हुए उनका नाम धनुदास था। प्रारम्भ में वे हेमाम्बा नाम की वेश्या के रूप पर मुग्ध