
माता सती अनुसुइया का जन्म दिवस
वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम, बुद्धवार, 16 अप्रैल, 2025विक्रमी संवत 2082, शक संवत 1947वैशाख माह कृष्ण पक्षनक्षत्र: अनुराधा राहु कालम:
वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम, बुद्धवार, 16 अप्रैल, 2025विक्रमी संवत 2082, शक संवत 1947वैशाख माह कृष्ण पक्षनक्षत्र: अनुराधा राहु कालम:
एक ऋषि यति-मुनि एक समय घूमते-घूमते नदी के तट पर चल रहे थे। मुनि को मौज आई। हम
बरसाना में गोविन्द दास नाम का एक भक्त रहता था।उसकी एक पुत्री थी, जिसका नाम था मुनिया।*गोविन्द दास के परिवार
कीचड़ में होते हुए भी कमल कैसे खिला हुआ रहता है “वैरागी जीवन” आप कैसे वैरागी ? चक्रवती भरत के
एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं। जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई तो राजा को उसके
शिव तो आदिदेव हैं, उनकी पूजा समझ आती है। कृष्ण ने अनगिनत चमत्कार दिखाए, गीताज्ञान दिया, उनकी आराधना ठीक लगती
लुकमान के जीवन मे उल्लेख है कि एक आदमी को उसने भारत भेजा आयुर्वेद की शिक्षा के लिए और उससे
एक पहुंचे हुए महात्मा थे। एक दिन महात्मा जी ने सोचा कि उनके बाद भी धर्मसभा चलती रहे इसलिए क्यों
जय श्री कृष्ण एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब विधवा महिला रहती थी। उसका
एक शिष्य था समर्थ गुरु रामदास जी का जो भिक्षा लेने के लिए गांव में गया और घर-घर भिक्षा