
भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा व चारो का प्राकट्य
कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्गोवर्धन लीला के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा का प्राकट्य किया। नंद-राय जी कन्हैया से बोले-

कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्गोवर्धन लीला के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा का प्राकट्य किया। नंद-राय जी कन्हैया से बोले-

दक्षिण भारत से किसी समय एक कृष्ण भक्त वैष्णव साधु वृंदावन की यात्रा के लिए आए थे । एक बार

• •पागल मन बोला…” अरे , बिल्कुल मत जाना। बड़ी मायावी नगरी है , एक बार गए तो सही सलामत

क्या इन्हीं को श्रद्धालु कहते हैंक्या यही भाव है ठाकुर जी के प्रतिआजकल वृंदावन में ऐसे ही लोग आ रहे

रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री वृन्दावन । विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री वृन्दावन ।। जमुना

बाँके बिहारी जी के प्रकट उत्सव बिहार पंचमी की सबको बधाई🌹 संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास वृन्दावन के

परमात्मा या परमात्मा के भेजे गए पार्षद जन्म से ही दिव्य एवं अलौकिक हुआ करते हैं उनकी दिव्यता अलौकिकता आरम्भ

एक संत महाराज एक बार वृन्दावन गएवहाँ कुछ दिन घूमे फिरे दर्शन किए..जब वापस लौटने का मन किया तो सोचा

इकदिन वृंदावन वास ते,मिल्यौ वैकुन्ठ धाम ।बिन माला जहाँ हरि मिले,एैसो वृंदावन धाम ।। प्रेम को साकार विग्रह,श्रीप्रिया जू और

एक बार एक बंगाली व्यक्ति घर से परेशान हो गया,.उन्होंने सोचा कि लोग कहते है, कि कृष्ण भगवान् की भक्ति