Quote 48
“दांत” चाहे कितनी भी बार“जीभ’ को काटे,फिर भी वे दोनों साथ रहते हैंऔर साथ काम करते हैं.यही “क्षमा” व “संबंध”
“दांत” चाहे कितनी भी बार“जीभ’ को काटे,फिर भी वे दोनों साथ रहते हैंऔर साथ काम करते हैं.यही “क्षमा” व “संबंध”
अकेले आए थे अकेले जाना है ना धन दौलत, ना रुतबा संग जानाकर्म अपने और भक्ति साथ जाएगी,जय श्री राम
जय श्री राम जी हमें उठते बैठते हुए सोते हुए एक ही ध्यान करना है कि मेरा दिल भगवान का
भगवान कहते हैं:- मेरे लाडले बच्चों,तुम हमेशा अच्छे काम करते रहो,क्योंकि आपके द्वारा किया हुआ हर अच्छा काम आखिरकार लौटकर
परमात्मा कहते हैं:-मेरे लाडले बच्चों,हमेशा ध्यान रखना,मैं कभी किसी का भाग्य नहीं लिखता। जीवन के हर कदम पर तुम्हारी सोच,
भगवान के चरणों का आश्रय करके जो भगवान के हो जाते हैं, वे कभी गिरते नही; क्योंकि भगवान उनकी रक्षा
प्रिया मोरे नैनन माहि बसिबौ—ह्रदय कमल विराजो राधे,,इत उत चित्त नाहि फंसिबौ–जग जंजाल छाडिके सखी री,, वृंदावन माहि मरिबौ—ओर देत
जीवन में खुश रहने का एक सीधा सा मंत्र है और वो ये कि आपकी उम्मीद स्वयं से होनी चाहिए
भगवान को सच्चे मन से ध्याए बैगर प्रार्थना के बोल नहीं बनते हैं। भक्त भगवान से प्रार्थना तभी करता है।
जो व्यक्ति गुरु, ब्राह्मण, गाय और देवता की सेवा करता है उस धर्मात्मा पुरुष के पास सुख और संपत्ति बिना