गृहस्थ में रहते हुए माया बंधन से मुक्त
श्री गुरू नानक देव साहिब जी के उत्तराधिकारी के रूप में श्री गुरू रामदास जी मानव कल्याण के कार्यों में
श्री गुरू नानक देव साहिब जी के उत्तराधिकारी के रूप में श्री गुरू रामदास जी मानव कल्याण के कार्यों में
एक बार एक नगर मे कई व्यक्ति बड़े दुःखी थे बस अपने दुखों की दवा पाने के लिये इधरउधर
आज का प्रभु संकीर्तन।सही समय पर उपलब्ध परिस्थिति में उत्तम निर्णय लेने वाले व्यक्ति जीवन में सदैव आनंदित रहते है।
इलाहाबाद में प्रयागराज क्षेत्र के संगम तट पर स्थित पुराण प्रसिद्ध लेटे हुए हनुमान जी के विषय में हैं। यह
एक साधु था, वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था, ”जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो
भक्त के लिए भगवान धरते हैं कैसे-कैसे रूप…… श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण
एक हृदय शल्य चिकित्सक अपनी कार को नियमित मरम्मत के लिए मैकेनिक के पास ले गए। वह आमतौर पर मैकेनिक
महाभारत का युद्ध चल रहा है,और महाराज युधिष्ठिर ईश्वर उपासना का समय है, यह कहकर कहीं अज्ञात स्थान की ओर
।। ‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर
ब्रज के मन्दिरों में एक अनोखी परंपरा है। जब वहां कोई भक्त मन्दिर के विग्रह के लिए माला लेकर जाता