मंत्र जप
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो
सुमिरन कर ले मना सुमिरन कर ले मना,छिन छिन राधारमणा।हरि गुरु दोई अपना,गहु इनकेई शरना।यह जग मायका मना,जाना होगा घर
यह मन्त्र संसार का वशीकरण कर सर्वसिद्धि देने वाला है । मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद
साधक को मंत्र जप और ध्यान दोनों ही साधता है । मंत्र जप हमारे हमारे मन को स्थिर करता है
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती।। वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
ॐ यानी ओम, जिसे “ओंकार” या “प्रणव” भी कहा जाता है। देखें तो सिर्फ़ ढाई अक्षर हैं, समझें तो पूरे
पंचांग के अनुसार, हर एक दिन किसी न किसी देवी- देवता को समर्पित है। इसी तरह रविवार का दिन भगवान
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती।। वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
कई बार आप सफलता के बेहद करीब होते हैं और अचानक ही सब कुछ आपके हाथ से निकल जाता है।
!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! !! हरे