
“मैया का लल्ला को श्रीराम कथा सुनाना”
. बाल कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी भगवान श्री कृष्ण की इन लीलाओ का

. बाल कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी भगवान श्री कृष्ण की इन लीलाओ का

वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। ऐसा विश्वास जाता है कि यह तिथि सब पापों

भगवान प्रेम में समाए हुए है। प्रेम से ही प्रकट होते हैं। कोई भी भक्त भगवान् से, बार बार विनती

जब जब देश पर विपत्ति आई है माताओं और बहनों ने दिन रात भगवान से प्रार्थना की है कि हे

हम भगवान का नाम जप कीर्तन करते हुए चिन्तन में अपना मन लगा देते हैं। भगवान का ध्यान धरते हुए

परम पिता परमात्मा को प्रणाम है ।दिल की धड़कन प्रभु प्राण नाथ को पुकारती है ।प्राण नाथ का प्रेम दिल

प्रभु को बाहर कहा खोजोगे प्रभु अन्दर बैठा प्राणी में सांस भरता है। अ प्राणी तुझे प्रभु प्राण नाथ की

हे परम पिता परमात्मा तुम्हें किस विधि नमन करू मेरे स्वामी हे भगवान नाथ आज दिल में तङफ पैदा हो

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही

वनवास के दौरान माता सीताजी को पानी की प्यास लगी, तभी श्री रामजी ने चारों ओर देखा तो