हनुमानजी कुम्भकर्ण युद्ध
रामायण से एक प्रसङ्ग….लंका में युद्ध अपनी चरम सीमा पर था।श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और
रामायण से एक प्रसङ्ग….लंका में युद्ध अपनी चरम सीमा पर था।श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और
|| संशय निवारण || निज जननी के एक कुमारा –*मानस का प्रसंग -मानस प्रेमीॐ हिरण्यगर्भ:समवत्तरताग्रे,भूतस्य जातः पतिरेक आसीत् ।। सदाचार
गतांक से आगे- हित हरिवंश महाप्रभु जी के बचपन के पल प्रसंग 1:हितहरिवंश महाप्रभु जी 4-5 साल के थे तब का एक
सभी देशवासियों कोभगवान विष्णु के अवतारभगवान नृसिंह के प्राकट्योत्सवदिनांक ०४ मई २०२३ ईसबीकी असीम शुभकामनाएं…! ।। श्रीनृसिंह कवच स्तोत्र ।।
।। नमो राघवाय ।। भगवान श्रीराम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि
1. वाक् सिद्धि : जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, वह वचन कभी व्यर्थ न जाये,
दुर्जन को सज्जन बनाने की कला क्या ❓ शत्रु को मित्र बनाने की कला ❓ *पापी को पुण्य आत्मा बनाने
गणितज्ञ “लीलावती” का नाम हममें से अधिकांश लोगों ने नहीं सुना है, उनके बारे में कहा जाता है कि वो
“पीली साड़ी गले में कृष्ण भगवान की कंठमाला…, आज के युग की यशोदा मां” 🙏शायद आप लोग इन्हें नहीं जानते
आज मै आपको भगवान शरभेश्वर की कथा सुनाता हूं, जो शिव महापुराण ‘शत रूद्र संहिता’ में वर्णित है।जब भगवान विष्णु