
गुरु की आज्ञा
एक शिष्य था समर्थ गुरु रामदास जी का जो भिक्षा लेने के लिए गांव में गया और घर-घर भिक्षा
एक शिष्य था समर्थ गुरु रामदास जी का जो भिक्षा लेने के लिए गांव में गया और घर-घर भिक्षा
एक धनवान पंडित जी थे जो भगवान बुद्ध से किसी बात को लेकर बड़े नाराज थे। उन्होंने अपनी पत्नी से
जब युधिष्ठिर अपनी माता और भाइयों को साथ लिए वनवास कर रहे थे, तब उन्हें देखने के लिए श्री कृष्ण
मन की मलिनता धोने के लिए विराट पुरुष का ध्यान धरना है।विराट पुरुष का ध्यान करने का अर्थ है,इस जगत
प्रेम का रूपांतरणस्त्रियाँ स्वभाव से ही कोमल होती है इसलिए जब उनके सौन्दर्य और गुणों का वर्णन किया जाता है
भक्ति कथा गुरु रविदास की महिमा सुनकर और पवित्र जीवन को देखकर बहुत से राजा-रानी उनके शिष्य बन गए थे।
हम केवल निमित्त मात्र है इससे ज्यादा और कुछ नही…..बहुत ही ज्ञानवर्धक कथा जरूर पढे! कोई भी छोटा-बड़ा काम करो
वाराणसी के एक साधक थे सुदर्शन जी ब्रह्ममुहूर्त का समय था । वे गंगा जी में कमर तक डूबे जप
(हिन्दी अर्थ सहित) अयि गिरि-नन्दिनि नंदित-मेदिनि विश्व-विनोदिनि नंदनुतेगिरिवर विंध्य शिरोधि-निवासिनि विष्णु-विलासिनि जिष्णुनुते।भगवति हे शितिकण्ठ-कुटुंबिनि भूरि कुटुंबिनि भूरि कृतेजय जय हे
एक महान विद्वान से मिलने के लिये एक दिन रोशनपुर के राजा आये। राजा ने विद्वान से पुछा, ‘क्या इस