
आनन्द कहाँ ?
पञ्चतन्त्र में एक कथा आती है एक कुत्तेकी, जो कई दिनोंसे भूखा था। खाना खोजता-फिरता था। चलते-चलते वह एक नदीके

पञ्चतन्त्र में एक कथा आती है एक कुत्तेकी, जो कई दिनोंसे भूखा था। खाना खोजता-फिरता था। चलते-चलते वह एक नदीके

सोहति सीय राम कै जोरी। छबि सिंगारु मनहुँ एक ठोरी॥ श्रीसीताराम-विवाह (विवाह-पञ्चमी) के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ

एक शिव मंदिर के पुजारी जी को भोले नाथ ने सपने में दर्शन दिए औऱ कहा कि कल सुबह नगर

प्रभु कितने दयालु हैं , कितने कृपालु हैं और कितने करुणामय हैं कि हर पल जीव पर अपने अहैतुकी कृपा

रामायण रामचरित मानस प्रसंग कथा मेघनाथ का वध केवल लक्ष्मण ही कर सकते थे,क्या कारण था ?..पढिये पुरी कथा। हनुमानजी

भागवत में शुकदेवजी अब अजामिल की कथा सुना रहे है एक ब्राह्मण था अजामिल नाम का। जाति का ब्राह्मण पर


श्रीपार्वतीजी ने कहाः भगवन् ! आपने सत्रहवें अध्याय का माहात्म्य बतलाया। अब अठारहवें अध्याय के माहात्म्य का वर्णन कीजिए। श्रीमहादेवजी

एक चाट वाला था। जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख

.एक बार कबीर जी ने साहूकार से एक सौ रूपये लिए और साधू संतों पर खर्च कर दिए.. और इकरार