श्रीगणेश- स्तुति
गाइये गनपति जगजगबंदन।संकर-सुवन भवानी-नंदन।।१।। सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक।कृपा-सिंधु, सुन्दर, सब लायक।।२।। मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।।३।। माँगत तुलसिदास कर जोरे।बसहिं रामसिय मानस मोरे।।४।।(गोस्वामी
गाइये गनपति जगजगबंदन।संकर-सुवन भवानी-नंदन।।१।। सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक।कृपा-सिंधु, सुन्दर, सब लायक।।२।। मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।।३।। माँगत तुलसिदास कर जोरे।बसहिं रामसिय मानस मोरे।।४।।(गोस्वामी
जय लक्ष्मी-सन्तोषी शुक्र मंत्र: हिमकुंद मृणालाभं दैत्याना परमं गुरूम्।सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।।ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:सर्व मंगल मांगल्ये
श्री गणेशाय नमः। ॐ नमो विश्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः।।१।। नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः।।२।। नमः कमलनेत्राय
..! सभी देशवासियों कोश्रीकृष्ण जन्माष्टमी कीहार्दिक शुभकामनाएं ..! ।। ।। रूपं यत्तत्प्राहुरव्यक्तमाद्यंब्रह्मज्योतिर्निर्गुणं निर्विकारम्।सत्तामात्रं निर्विशेषं निरीहंस त्वं साक्षाद्विष्णुरध्यात्मदीपः।।१।। नष्टे लोके द्विपरार्धावसानेमहाभूतेष्वादिभूतं
हे नाथ, हे मेरे नाथ, मैं तुम्हें भूलूं नहीं, कभी न भूलूं तुझे, बस इतनी दया रखना हे नाथ मैं
हे आराध्या राधा ! मेरे मनका तुझमें नित्य निवास।तेरे ही दर्शन कारण मैं करता हूँ गोकुलमें वास॥ तेरा ही रस-तत्त्व
हे शिव आपको हमारा बारम्बार प्रणाम हे महादेव हे करूणानिधान हे शुलपाणी हे कल्याणकारी आपको बारम्बार प्रणाम आपको बारम्बार ।हे
।। जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता।। पालन सुर धरनी अद्भुत
।। जय श्रीहरि भगवान विष्णु ।। भगवान विष्णु के १६ नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है। इसमें मनुष्य को
हे केशव, हे नाथ, मैं आपकी शरण मे हूँमैने जाने अनजाने मे , हाथ , पाँव , वाणी , शरीर