शंकर भगवान की स्तुति
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,जगत
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,जगत
*हे सच्चिदानंद स्वरुप, हे सर्वाधार सर्वेश्वर, सर्वव्यापक,सर्व अंतर्यामी आपके चरणों में हमारा प्रणाम स्वीकार हो।* हे अजर,अमर,अभय, नित्य पवित्र,शुद्ध-बुद्ध,मुक्त स्वभाव!
1.हे मेरे स्वामी.मेरी इच्छा कभी पूर्ण न हो सदैव आपकी ही इच्छा पूर्ण हो.क्योंकि मेरे लिए क्या सही है ये
हरे कृष्णा हरे रामा सागर में पानी और पानी का बुलबुला दोनों एक ही चीज है ठीक उसी प्रकार ईश्वर
हे मेरे प्रभो… सुखी होने के लिये मैंने कौन-सा काम नहीं किया ? विवाह किया, संतानें पैदा कीं, धन कमाया,
आप हम और सभी भक्त भगवान् श्रीकृष्ण के दर्शन पाना चाहते हैं उनसे मिलना चाहते हैं पर कभी हमने सोचा
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏 बिना श्रद्धा के विस्वास नही, विस्वास के बिना भक्ति नहीं,भक्ति के बिना प्रेम
तेरे पावन अहसासों सेपुलकित जीवन सारासांसारिक प्रेम परेपावन प्रीत हमारासमर्पित तूझ पर हीअब जीवन साराअंजुरी में लिये पुष्प प्रेमका खड़ी
आज मैने मेरे स्वामी भगवान् नाथ श्री हरि से जिन्हें मैं हर क्षण हदय में बिठाकर नैनो को बन्द कर
प्रार्थना में वाकई बहुत शक्ति होती है. अगर आप इसके जरिए अपनी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो जरूरी है