भगवान लीला करते
भक्त भगवान की भक्ति करता है तब मार्ग में उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पङता है। प्रथम मन का
भक्त भगवान की भक्ति करता है तब मार्ग में उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पङता है। प्रथम मन का
।। नमो राघवाय ।। राजापुर से थोड़ी ही दूर यमुना के उस पार स्थित महेवा घाट की अति सुन्दरी भारद्वाज
स्वामी विवेकानंद रोज की तरह अपने पीतल के लोटे को मांज रहे थे। काफी देर तक लोटा मांजने के बाद
एक गरीब ब्राह्मण अपने खेत में बहुत मेहनत करता था। एक दिन वह थककर एक पेड़ के नीचे आराम कर
🔸गुरु की कृपा ही शिष्य का परम मंगल कर सकती है, दूसरा कोई भी नहीं कर सकता है यह प्रमाण
अहोभाव मृत्यु जगत में सबसे रहस्यपूर्ण, सबसे अनजानी, और इसीलिए सबसे ज्यादा डिवाइन, इसलिए सबसे ज्यादा दिव्य घटना है। और
मीराबाई भक्तिकाल की एक ऐसी संत हैं, जिनका सब कुछ कृष्ण के लिए समर्पित था। यहां तक कि कृष्ण को
. जगत -जननी पार्वतीजी ने एक भूखे भक्त को श्मशान में चिता के अंगारों पर रोटी सेंकते देखा तो वे
नाम भगवान मे भक्त को किसी बात की चिंता नहीं रहती है भक्त भगवान को भजते हुए भगवान का बन
ध्यान में परमात्मा के चिन्तन के अलावा कुछ भी नहीं है। भगवान को हम शरीर रूप से भजते भगवान को