शिवाजी, तू फरिश्ता है, फरिश्ता !
शिवाजी, तू फरिश्ता है, फरिश्ता ! शिवाजी महाराज एक दिन रास्ता देख रहे थे अपने सेनापतिका । वह आया तो
शिवाजी, तू फरिश्ता है, फरिश्ता ! शिवाजी महाराज एक दिन रास्ता देख रहे थे अपने सेनापतिका । वह आया तो
बहुत पुराने समयकी बात है। एक बार पृथ्वीपर बारह वर्षोंतक वर्षा नहीं हुई संसारमें घोर अकाल पड़ गया। सभी लोग
एक शास्त्रीजी थे भक्त थे। ये नावपर गोकुलसे मथुराको चले। साथ कुछ बच्चे और स्त्रियाँ भी थीं। नौका उलटे प्रवाहकी
महाभारतके युद्धका नवम दिन था। आज भीष्मपितामहः पूरी उत्तेजनामें थे। उनका धनुष आज प्रलयकी वर्षा कर रहा था। पाण्डवदलमें क्षण-क्षणपर
स्काटलैंडके लोगोंने इंगलैंडके राजाके विरुद्ध विद्रोह किया। विद्रोहके असफल हो जानेपर विद्रोहियोंको बड़ी निर्दयतापूर्वक दण्डित किया गया। लोग कतार में
एक बार गांधीजीको दक्षिणभारतके दौरेमें चर्खा दंगल देखनेमें बड़ी रात हो गयी। वहाँसे जब वे लौटे, तब इतने थक गये
महर्षि गौतमके एक पुत्रका नाम था चिरकारी वे बुद्धिमान थे, कार्यकुशल थे, किंतु प्रत्येक कार्यको बहुत सोच-विचार करनेके पश्चात् करते
‘टन्-टन्-टन्’ गिर्जाघरकी घंटी बजते ही तीनों मित्रोंने अचानक आमोद-प्रमोदसे मन फेर लिया। फलैंडरस जनपदमें किसी व्यक्तिकी मृत्युकी सूचना दी घण्टी-नादने
सिसलीके सिराक्यूज नगरके राजा ड्योंनिसियसने है सामान्य अपराधमें डेमन नामके एक युवकको प्राणदण्डकी आज्ञा दे दी। डेमनने प्रार्थना की- ‘मुझे
महानताके लिये पद जरूरी नहीं रूसी क्रान्तिके जनक लेनिन उन दिनों पेरिसमें रूसी क्रान्तिके लिये प्रयासरत थे। दो दिनोंतक भूखे