
कैसे आचरणसे नारी पतिको वशमें कर लेती है
वनवासमें पाण्डव जब काम्यक वनमें थे, तब श्रीकृष्णचन्द्र सात्यकि आदिके साथ उनसे मिलने गये थे। उस समय उनके साथ सत्यभामाजी
वनवासमें पाण्डव जब काम्यक वनमें थे, तब श्रीकृष्णचन्द्र सात्यकि आदिके साथ उनसे मिलने गये थे। उस समय उनके साथ सत्यभामाजी
ईरान के शाह अब्बासको उनके एक पदाधिकारीने अपने यहाँ निमन्त्रण दिया था। निमन्त्रणमें पहुँचकर शाह तथा उनके परिकरोंने इतना मद्यपान
बंगालमें द्वारका नदीके तटपर तारापीठ एक प्रसिद्ध स्थान है। कुछ ही साल पहलेकी बात है, एक सज्जन तारादेवीका दर्शन करनेके
बुद्धि ही श्रेष्ठ बल है किसी वनमें भासुरक नामका एक सिंह रहता था। वह बहुत ही क्रूर तथा निर्दयी था
अयोध्यामें भगवान् रामसे 15वीं पीढ़ी बाद ध्रुव संधि नामके राजा हुए। उनके दो स्त्रियाँ थीं। पट्ट महिषी थी कलिङ्गराज वीरसेनकी
गुरुदेवने श्रीरामानुजाचार्यको अष्टाक्षर नारायण-मन्त्रका उपदेश करके समझाया- ‘वत्स! यह परम पावन मन्त्र एक बार भी जिसके कानमें पड़ जाता है,
एक बार जब भगवान् श्रीराघवेन्द्र अपने दरबारमें विराज रहे थे, तब एक उलूक और एक गृध्र उनके चरणोंमें उपस्थित हुए
दो पत्र, तीन बातें ऐसा कौन है, जिसके पास मित्र और रिश्तेदारोंके पत्र नहीं आते? और ऐसा कौन है, जिसे
भगवान् गौतम बुद्ध श्रावस्ती में बिहार कर रहे थे। एक दिन विशेष उत्सव था। धर्मकथा श्रवणके लिये विशाल जन समूह
सम्बन्ध बराबरीका महाभारतमें कथा है कि एक दिन बालक अश्वत्थामा दूधके लिये मचल गया। उन दिनों दूध बहुत सस्ता था,