
प्रसादका स्वाद
एक महात्मा थे। वे किसीके यहाँ भोजन करने गये। भोजनमें उनको थोड़ी-सी खीर मिली। उसमें उनको अपूर्व स्वाद मिला। उन्होंने

एक महात्मा थे। वे किसीके यहाँ भोजन करने गये। भोजनमें उनको थोड़ी-सी खीर मिली। उसमें उनको अपूर्व स्वाद मिला। उन्होंने

बादशाह अकबर विद्वानों, साधुओं और फकीरोंका सम्मान करते थे। उनके यहाँ प्रायः देशके विभिन्न भागोंसे विद्वान् आया करते थे। किसी

‘सीडलीट्जका पता चला?’ प्रशियाके सम्राट् फ्रेडरिक महान् वंशी-वादनमें मस्त थे। रातकी कालिमा अपने पूरे उत्कर्षपर थी। वे अपने शिबिरमें बैठकर

श्रेष्ठ पवित्रता क्या है ? एक समयकी बात है, एक संन्यासी था, जो संन्यासके हर नियम-कानूनको गम्भीरतासे मानता था। वह

बालक श्रीशंकराचार्यने विद्याध्ययन समाप्तकर संन्यास लेना चाहा; परंतु जब उन्होंने मातासे आज्ञा माँगी, तब माताने नाहीं कर दी। शंकर माताके

छत्रपति शिवाजी महाराज समर्थ गुरु रामदासस्वामीके | भक्त थे। समर्थ भी सभी शिष्योंसे अधिक उन्हें प्यार करते। शिष्योंको भावना हुई

हेमन्तकी संध्या थी, सूर्य अस्ताचलपर अदृश्य होनेवाले ही थे, पश्चिम गगनकी नैसर्गिक लालिमा अद्भुत और अमित मनोहारिणी थी। भगवान् बुद्ध

उपहासका फल रुक्मीका भगवान् श्रीकृष्णके साथ पुराना वैर था। फिर भी अपनी बहन रुक्मिणीको प्रसन्न करनेके लिये उसने अपनी पौत्री

एक संतके यहाँ एक दासी तीस वर्षसे रहती थी, पर उन्होंने उसका मुँह कभी नहीं देखा था। एक दिन उन्होंने

सुप्रसिद्ध विद्वान् सर रमेशचन्द्र दत्त इतिहासमर्मज्ञ पुरुष थे। उन्होंने अनेक ग्रन्थोंकी रचना की थी। एक बार वे श्रीअरविन्दके पास गये