
आदर्श बी0 ए0 बहू
बात न पुरानी है, न सुनी हुई कहानी है। कानसे ज्यादा आँखें जानती हैं। कहानीके सभी पात्र जीवित हैं: अतएव

बात न पुरानी है, न सुनी हुई कहानी है। कानसे ज्यादा आँखें जानती हैं। कहानीके सभी पात्र जीवित हैं: अतएव

दो भाई बर्माके शान प्रान्तमें एक धनी किसान रहता था। मरते समय उसने अपने दोनों बेटोंको बराबर बराबर सम्पत्ति बाँट

कोई भक्त राजा एक महात्माकी पर्णकुटीपर जाया करते थे। उन्होंने एक बार महात्माको अपने महलोंमें पधारनेके लिये कहा, पर महात्माने

संसार और इसके सुख-दुःख अनित्य एवं मिथ्या हैं उशीनर देशमें एक बड़ा यशस्वी राजा था। उसका नाम था सुयज्ञ लड़ाईमें

कोई स्त्री अपने पिताके घरसे लौटी थी। अपने पतिसे वह कह रही थी- ‘मेरा भाई विरक्त हो गया है। वह

सबसे बड़ा मूर्ख एक कंजूस व्यापारी था। उसका शम्भु नामक एक नौकर था, जो बड़ी उदार प्रकृतिका था। सम्भु अपने

एक भगवद्भक्त कहीं यात्रा करने निकले थे। पर्वतकी एक गुफाके सम्मुख उन्होंने बहुत बड़ी भीड़ देखी। पता लगा कि गुफामें

पैठणमें कुछ दुष्टोंने मिलकर घोषणा की कि ‘जो कोई एकनाथ महाराजको क्रोध दिला देगा, उसे दो सौ रुपये इनाम दिया

मेवाड़के गौरव हिंदूकुल- सूर्य महाराणा प्रताप अरावलीके वनोंमें उन दिनों भटक रहे थे। उनको अकेले ही वन-वन भटकना पड़ता तो

किसी नगरमें एक गृहस्थके घर एक गाय पली थी। एक दिन उस गायका बछड़ा बहुत उदास हो रहा था। वह