
आत्मा को क्या चाहिए
शरीर की रक्षा के लिए भी भोजन चाहिए, और आत्मा की रक्षा के लिए भी। “शरीर और आत्मा इन दोनों

शरीर की रक्षा के लिए भी भोजन चाहिए, और आत्मा की रक्षा के लिए भी। “शरीर और आत्मा इन दोनों

पुराण और इतिहास (महाकाव्य इतिहास) पुराण शब्दावली में दंडधारा वैदिक पथिक-✍(शैववाद (शैव दर्शन)शैव धर्म शब्दावली में दंडधारास्रोत :- शोधगंगा: शिव

एक गाँव मे संत श्री रामदास सत्संग का प्रवचन करने के लिये ठहरे हुये थे वो बहुत ही शालीन स्वभाव

प्रत्येक मनुष्य स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है।और दूसरों से आशा भी रखता है।इसलिए वह दूसरे व्यक्ति में दोष

भगवान को लगाए जाने वाले भोग की बड़ी महिमा है। इनके लिए ५६ प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं, जिसे

प्रतिदिन सत्य से प्रीति करते रहो तो एक दिन मन के सब दोष, कल्मष, मैल दूर हो जायेंगे मैल दूर

1 श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति

. भगवान् के मार्ग पर चल रहे हैं तो अकेले चलें। वे हमेशा साथ हैं। जिसका कोई नहीं होता है,

एक बार स्वर्ग से घोषणा हुई कि भगवान सेब बाँटने आ रहे हैं, सभी लोग भगवान के प्रसाद के लिए

गुरु की महिमा गोविन्द से भी अधिक बतायी गयी हैं, पर यह महिमा उस गुरु की है, जो शिष्य का