
राधे जी की मुर्छा को हटाने के लिए कृष्ण जी बने गरूड़ी
एक बार राधाजी कई दिनों तक कृष्णजी से नहीं मिली तो उनके वियोग में अर्धमूर्छित हो गई।सभी सखियो को पता

एक बार राधाजी कई दिनों तक कृष्णजी से नहीं मिली तो उनके वियोग में अर्धमूर्छित हो गई।सभी सखियो को पता

रास मध्य ललिता जु प्रार्थना जु कीनी।कर ते सुकुमारी प्यारी वंशी तब दिनी।। एक समय जब नित्य रास परायण श्री

जापान में एक फकीर हुआ: बोकोजू। वह टोकियो में, राजधानी में ही था। पुरानी कथा है, कोई तीन सौ वर्ष

समर्थ रामदास ( छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु )का अम्बादास नाम का एक शिष्य था ।उसकी भक्ति और सेवा भाव

यशोदा जी गोपी से पूछती है -कन्हैया तेरे यहाँ चोरी करने आता है उसकी खबर तुझे होती है?गोपी कहती है-

एक आदमी घोड़े पर कहीं जा रहा था, घोड़े को जोर की प्यास लगी थी। कुछ दूर कुएँ पर एक

एक आदमी को किसी ने सुझाव दिया, कि दूर से पानी लाते हो, क्यों नहीं अपने घर के पास ही

दुनिया की दृष्टि से उसमें कोई अच्छाई नहीं थी न धन था, न रूप किन्तु दुनिया की दृष्टिसे नगण्य उस

सभी श्रीकृष्णभक्तों को महाकवि संत सूरदास कीजयंती दिनांक २५ अप्रैल २०२३की अनन्त शुभकामनाएं…..! हिन्दी के अनन्यतम और ब्रजभाषा के आदि

अर्थी पर पड़े हुए शव पर सफ़ेद कपड़ा बाँधा जा रहा है। गिरती हुई गरदन को सँभाला जा रहा है।