
हरि में मन को लगाये रखो। हरि को मन में बसाये रखो
जैसे छाया कूप की, बाहरि निकसै नाहिं।जन रज्जब यूँ राखिये, मन मनसा हरि माहि।। वैसे हरि में मन को लगाये

जैसे छाया कूप की, बाहरि निकसै नाहिं।जन रज्जब यूँ राखिये, मन मनसा हरि माहि।। वैसे हरि में मन को लगाये

बहुत समय पहले की बात है , चंदनपुर का राजा बड़ा प्रतापी था , दूर-दूर तक उसकी समृद्धि की चर्चाएं

चेन्नई के एक स्कूल ने अपने बच्चों को छुट्टियों का जो एसाइनमेंट दिया वो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा

राधा केवल गोविन्द की सखी ही नहीं,उनकी प्रेयसी और उनकी प्राणवल्लभ भी हैं। कृष्ण के भीतर जो प्रेम आह्लाद और

जय श्री हरि। एक मनुष्यके पास एक घोड़ा था। घोड़ा भूखा हो, तो दुःख । बिगड़ जाये, तो दुःख ।

श्यामसुंदर श्री कृष्ण गले में वैजन्तीमाला पहनते हैं। क्यों ? यह माला पचरंगी है। पाँच इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने

पाकिस्तान के लसबेला से अरब सागर से छूकर निकलता 150 किमी तक फैला रेगिस्तान। बगल में 1000 फीट ऊँचे रेतीले

मुक्त पुरुष का किसी चीज से कोई आग्रह नहीं है, कि ऐसा ही होगा तो ही मैं सुखी रहूंगा। जैसा

भगवान जो इस संपूर्ण सृष्टि के रचनाकार हैं, हम सब के प्रेम के भूखे हैं। हालाकि उन्हें किसी भी बात

चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मुझे जरुर धन्यवाद कहाेगे..!1.पहला रत्न है:-” माफी “तुम्हारे लिए