
पेड़ और चिड़िया की कहानी
.एक नदी के किनारे दो पेड़ थे। उस रास्ते एक छोटी सी चिड़िया गुजरी और पहले पेड़ से पूछा-बारिश होने

.एक नदी के किनारे दो पेड़ थे। उस रास्ते एक छोटी सी चिड़िया गुजरी और पहले पेड़ से पूछा-बारिश होने

एक नदी तट पर स्थित बड़ी सी शिला पर एक महात्मा बैठे हुए थे। वहाँ एक धोबी आता है किनारे

एक बार एक राजपूत के घर की एक स्त्री स्नान कर रही थी,तभी संयोग से वहाँ से एक राजा की

एक वृद्ध संत ने अपने जीवन की अंतिम घड़ीयों को नज़दीक देख अपने बच्चों को अपने पास बुलाया और कहा:

सुख को प्राप्त करने के लिए हम दौडते रहते हैं। हमे जंहा से भी सुख की प्राप्ति होती है हम

एक अतिश्रेष्ठ व्यक्ति थे ! एकदिन उनके पास एक निर्धन आदमी आया और बोला कि मुझे अपना खेत कुछ साल

इसका कारण यह है कि सबका पालन-पोषण करना, सबकी रक्षा करना और सबको सुख देना इनसे ममता दूर होती है

राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प

दक्षिण भारत से किसी समय एक कृष्ण भक्त वैष्णव साधु वृंदावन की यात्रा के लिए आए थे । एक बार

श्रीहरिः सारे जगत् के आत्मा भगवान् श्रीकृष्ण हैं। यह जगत् तभी सुखी होता है, शान्ति पाता है, जब अपनी आत्मा