
संत नरसी मेहता की रचनाएं
गुजराती साहित्य के आदि कवि संत नरसी मेहता का जन्म 1414 ई. में जूनागढ़ के निकट तलाजा ग्राम में एक

गुजराती साहित्य के आदि कवि संत नरसी मेहता का जन्म 1414 ई. में जूनागढ़ के निकट तलाजा ग्राम में एक

.संत होथी काठियावाड़ के नेकनाम गाँव के मुसलमान थे। बचपन से ही मोरार साहेब की भजन मण्डली में जाते और

एक ग़रीब आदमी था। एक दिन वह राजा के पास गया और बोला- ‘महाराज, मैं आपसे कर्ज़ मांगने आया हूं।

व्यापार में नैतिकता का मूल्य क्या होता हैं, इस लघु कहानी से समझने की कोशिश कीजिए… नरोत्तम सेठ ने आज

एक आदमी ने बहुत ही सुंदर लड़की से ब्याह किया।वो उसे बहुत प्यार करता था। अचानक उस लड़की कोचर्मरोग हो

एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का आकर

. एक साधु एक वृक्ष के नीचे ध्यान करते थे । वो रोज एक लकड़हारे को लकड़ी काट कर ले

आइए मिलते हैं यह हैं मुकेश जी … आपको आश्चर्य हुआ ना … ये जाति से ब्राह्मण हैं और इनका

. एक बार एक व्यक्ति एक गाय दान करना चाहता था। वह अपने गाँव के पास के एक आश्रम में

जनक बड़े ब्रह्मवेत्ता थे. उनके पास ज्ञानियों का जमावड़ा रहता था. एक ऋषि ने अपने पुत्र को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति