
सद्भावना
वायिन्सको पोलैंडका बहुत बड़ा देशभक्त था अपने आत्मचिन्तन और दार्शनिक विचारोंके लिये भी वह बहुत प्रसिद्ध था। लोग उसका बड़ा

वायिन्सको पोलैंडका बहुत बड़ा देशभक्त था अपने आत्मचिन्तन और दार्शनिक विचारोंके लिये भी वह बहुत प्रसिद्ध था। लोग उसका बड़ा

जार्ज वाशिंगटनका त्याग पहले संयुक्त राज्य अमेरिका इंग्लैण्डके अधीन था। इंग्लैण्डकी दासतासे मुक्ति पानेके लिये अमेरिकाको एक युद्ध लड़ना पड़ा

बात आजको नहीं, सृष्टिके प्रारम्भके सत्ययुगकी | है। मनुके दो पुत्र थे- प्रियव्रत और उत्तानपाद इनमें उत्तानपाद नरेश हुए। उनकी

बंगालके सुप्रसिद्ध ब्रह्मसमाजी सत्पुरुष अघोरनाथजीके पिता श्रीयादवचन्द्र राय फारसी तथा संस्कृत भाषाके उच्चकोटिके विद्वान् थे, ईश्वरभक्त थे और अत्यन्त दयालु

महाराज बिम्बसारको निद्रा नहीं आ रही थी। तीर्थंकर महावीरने स्पष्ट कह दिया था कि ‘उनको नरक जाना पड़ेगा।’ नरक-महाराज नरककी

अमें श्रेत्र गाँव के पास एक बड़ा बाँध बनाया गया था आसपासके गाँवोंके किसानोंने उसे बनाने में सहयोग किया था।

‘हे देव! अमर जीवन- ईश्वरीय जीवन प्राप्त करनेका मुझे उपाय बताइये। जगत्की वस्तुओंमें मुझे शान्ति नहीं दीखती।’ एक धनी युवकने

भगवान्की भक्तिमें तल्लीन नामदेवका घरसे बिलकुल ही ध्यान जाता रहा। उनकी पत्नी राजाईको पुत्र भी हो चुका था। घर दाने-दानेके

हेनरी जेम्स और आँसू नवयुगके अंग्रेजी उपन्यासकारोंमें हेनरी जेम्स (1843 – 1916 ई0 ) – का स्थान सर्वोच्च माना जाता

(11) सेवाभावी महात्मा टॉलस्टॉय ‘टॉलस्टॉय केवल एक प्रसिद्ध साहित्यकार ही नहीं वरन् एक उच्चकोटिके सन्त भी थे। एक बार वे