
पुरुष या स्त्री
एक साधु नगरसे बाहर कुटियामें रहते थे। परंतु भिक्षा माँगने तो उन्हें नगरमें आना ही पड़ता था । मार्गमें एक

एक साधु नगरसे बाहर कुटियामें रहते थे। परंतु भिक्षा माँगने तो उन्हें नगरमें आना ही पड़ता था । मार्गमें एक

राजा विश्वामित्र सेनाके साथ आखेटके लिये निकले थे। वनमें घूमते हुए वे महर्षि वसिष्ठके आश्रमके समीप पहुँच गये। महर्षिने उनका

महाराज उत्तानपादके विरक्त होकर वनमें तपस्या करनेके लिये चले जानेपर ध्रुव सम्राट् हुए। उनके सौतेले भाई उत्तम वनमें आखेट करने

वृन्दावनके पास एक ब्राह्मण रहता था। एक समय ऐसा आया कि उसके सभी घरवालों की मृत्यु हो गया। केवल वही

उसके केश और वस्त्र भीगे हुए थे। मुखपर बड़ी उदासी और मनमें अत्यन्त खिलता थी। उसके में जिज्ञासाका चित्र था

श्री ईश्वरचन्द्र विद्यासागर मार्ग चलते समय भी देखते जाते थे कि किसीको उनकी सेवाकी आवश्यकता तो नहीं है। एक दिन

देनेका संस्कार एक सन्तने एक द्वारपर आवाज लगायी- ‘भिक्षां देहि ।’ एक छोटी-सी बच्ची बाहर आयी और बोली ‘बाबा! हम

अब्राहम लिंकनका बचपन अत्यन्त दुःखमय था । उन्होंने अत्यन्त साधारण और गरीब परिवारमें जन्म लिया था। कभी नाव चलाकर तो

भक्तशिरोमणि कविवर रामप्रसाद सेनने अपने जीवनकालमें ही देवी उमाका साक्षात्कार किया था। इतनी थी उनकी प्रगाढ भक्ति एवं भगवतीके चरणोंकी

सोये हुए शत्रुको मारना महापाप पाण्डवोंका धृतराष्ट्रके पुत्रोंके साथ महाभारत नामक प्रसिद्ध युद्ध हुआ। अनेक अक्षौहिणी सेनाओंसे युक्त उस महायुद्धमें