
संतकी सेवा-वृत्ति
मिश्र देशके प्रसिद्ध संत सेरापियोकी त्याग वृत्ति उच्च कोटिकी थी। चौथी शताब्दीके संत-साहित्यमें उनका नाम अमित प्रसिद्ध है। वे सदा

मिश्र देशके प्रसिद्ध संत सेरापियोकी त्याग वृत्ति उच्च कोटिकी थी। चौथी शताब्दीके संत-साहित्यमें उनका नाम अमित प्रसिद्ध है। वे सदा

मठका महंत बनना अपनेको नरकमें गिराना है मर्यादापुरुषोतम महाराज श्रीरामको राजसभा इन्द्र यम और वरुण सभा समक्ष थी। उनके राज्यमें

एक साधुकी गाय किसीने चुरा ली। जब लोग गाय ढूँढ़ने लगे, तब साधु बोले- ‘गाय ले जाते समय मैंने चोरको

अब्राहम लिंकनकी सच्चाई अमेरिकाके राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन बचपनमें एक चायकी दुकानमें नौकरी करते थे। एक दिनकी बात है, मोहल्लेकी महिला

एक बार भगवान् श्रीकृष्णचन्द्र अपने सम्पूर्ण 18 परिवार परिकर आदिके साथ सिद्धाश्रम तीर्थमें स्नान करने गये। दैवयोगसे श्रीराधिकाजी भी वहाँ

एक सौदागर था नेशापुरमें। उसके यहाँ एक दासी थी अत्यन्त सुन्दरी । उसका एक ऋणी गाँव छोड़कर चला गया। सौदागरको

श्रीकेवलरामजी ऐसे ही थे। श्रीकृष्णके नयन शरके लक्ष्य ये हो चुके थे। श्रीकृष्णके अतिरिक्त इनकी आँखोंमें और कोई था ही

भगवान् ऋषभदेवने विरक्त होकर वनमें जाते समय अपने सौ पुत्रोंमें ज्येष्ठ पुत्र भरतको राज्य दिया था। दीर्घ कालतक भरत पृथ्वीके

गर्व देवताओंका भी व्यर्थ है पूर्वकालकी बात है, मदसे उन्मत्त दानवोंने देवताओंके साथ सौ वर्षोंतक एक अत्यन्त विस्मयकारक युद्ध किया

संसार और इसके सुख-दुःख अनित्य एवं मिथ्या हैं उशीनर देशमें एक बड़ा यशस्वी राजा था। उसका नाम था सुयज्ञ लड़ाईमें