सुरक्षार्थ
एक सौदागर था नेशापुरमें। उसके यहाँ एक दासी थी अत्यन्त सुन्दरी । उसका एक ऋणी गाँव छोड़कर चला गया। सौदागरको
एक सौदागर था नेशापुरमें। उसके यहाँ एक दासी थी अत्यन्त सुन्दरी । उसका एक ऋणी गाँव छोड़कर चला गया। सौदागरको
श्रीकेवलरामजी ऐसे ही थे। श्रीकृष्णके नयन शरके लक्ष्य ये हो चुके थे। श्रीकृष्णके अतिरिक्त इनकी आँखोंमें और कोई था ही
भगवान् ऋषभदेवने विरक्त होकर वनमें जाते समय अपने सौ पुत्रोंमें ज्येष्ठ पुत्र भरतको राज्य दिया था। दीर्घ कालतक भरत पृथ्वीके
गर्व देवताओंका भी व्यर्थ है पूर्वकालकी बात है, मदसे उन्मत्त दानवोंने देवताओंके साथ सौ वर्षोंतक एक अत्यन्त विस्मयकारक युद्ध किया
संसार और इसके सुख-दुःख अनित्य एवं मिथ्या हैं उशीनर देशमें एक बड़ा यशस्वी राजा था। उसका नाम था सुयज्ञ लड़ाईमें
किसी नगरमें एक गृहस्थके घर एक गाय पली थी। एक दिन उस गायका बछड़ा बहुत उदास हो रहा था। वह
‘सत्य ही एकमात्र धर्म है। सत्यको पकड़े रहनेसे सभी धर्मके अङ्ग स्वतः सिद्ध हो जाते हैं। सत्य ही मुक्तिका साधन
चूड़ीवाले बाबा नाम तो था उनका जमील खाँ, पर सब कहते थे उन्हें ‘चूड़ीवाले बाबा’। वे रहते थे शहरमें, पर
कहते हैं कि प्राचीन रोमनिवासियोंके न्यायालयों व्यापके स्थानपर एक ऐसी स्त्रीको प्रतिमा बनी रहती श्री. जिसको आँखोंके ऊपर तो कपड़े
बगदादके एक खलीफाने अपना वेतन भी निश्चित कर रखा था। राजकार्य तथा प्रजाकी सेवाके बदले वे राज्यके कोषसे प्रतिदिन संध्यासमय