
कृष्ण लीला करते 1
कन्हैया व्रज में एक गोपी के घर जाकर उस गोपी से कहते है- “क्या मैं तनिक सा मक्खन ले लूँ”गोपी
कन्हैया व्रज में एक गोपी के घर जाकर उस गोपी से कहते है- “क्या मैं तनिक सा मक्खन ले लूँ”गोपी
महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ आरंभ करने की ठानी। महाराज की आज्ञानुसार श्यामकर्ण घोड़ा चतुरंगिनी सेना के साथ
हे मेरे भगवान् मेरे ये राम राम राम की माला हर घङी और हर पल मेरे अन्दर चलती रहे।ये माला
_जैसे एक माला में जितने अधिक रंग के पुष्प होंगे, माला उतनी ही खूबसूरत होगी, लेकिन सभी फूलों को एक
भगवान जो इस संपूर्ण सृष्टि के रचनाकार हैं, हम सब के प्रेम के भूखे हैं। हालाकि उन्हें किसी भी बात
चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मुझे जरुर धन्यवाद कहाेगे..!1.पहला रत्न है:-” माफी “तुम्हारे लिए
नम: श्री गुरु चरणकमलेभ्यो नमः! ॐ श्री काशी विश्वनाथ विजयते सर्वविपदविमोक्षणम् नेह चात्यन्त संवास: कर्हिचित् केनचित् सह ।राजन् स्वेनापि देहेन
जय श्री कृष्ण। आरती की थाली में प्रायः तीन चीजें होती हैं जिनको हम लगभग एक साथ जलाते हैं।कपूर,धूप और
Hare Rama Hare Krishna ” प्रेम ही तो एकमात्र वस्तु है इस जगत में जिसमें ईश्वर की थोड़ी झलक है।
कृष्ण के जन्म से उनकी लीला संवरण तक हर घटना अपने आप में गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए है,