चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..
चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मुझे जरुर धन्यवाद कहाेगे..!1.पहला रत्न है:-” माफी “तुम्हारे लिए
चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मुझे जरुर धन्यवाद कहाेगे..!1.पहला रत्न है:-” माफी “तुम्हारे लिए
नम: श्री गुरु चरणकमलेभ्यो नमः! ॐ श्री काशी विश्वनाथ विजयते सर्वविपदविमोक्षणम् नेह चात्यन्त संवास: कर्हिचित् केनचित् सह ।राजन् स्वेनापि देहेन
जय श्री कृष्ण। आरती की थाली में प्रायः तीन चीजें होती हैं जिनको हम लगभग एक साथ जलाते हैं।कपूर,धूप और
Hare Rama Hare Krishna ” प्रेम ही तो एकमात्र वस्तु है इस जगत में जिसमें ईश्वर की थोड़ी झलक है।
कृष्ण के जन्म से उनकी लीला संवरण तक हर घटना अपने आप में गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए है,
|| श्री हरि: ||— :: x :: —श्रीमदभागवत की कथा में श्रीकृष्ण भगवान् की विविध लीलाओं का वर्णन सुनते ही
एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा बच्चा माटी के
मतगजेंद्र भगवान राम के चुनिंदा पार्षदों में से एक थे और 10 हजार वर्ष तक शासन के बाद भगवान राम
.आनंदमय एवं सुखमय जीवन के लिए सर्व प्रथम हमें आत्म मंथन करने की बहुत बड़ी आवश्यकता है। दुनिया में किसी
हमारे पास देखनेके लिये जो नेत्र हैं, वे जड़ संसारका अंग होनेसे संसारको ही देखते हैं, संसारसे अतीत चिन्मय भगवान्को