आपद्धर्म
एक समय कुरुदेशमें ओलोंकी बड़ी भारी वर्षा हुईं। इससे सारे उगते हुए पौधे नष्ट हो गये और भयानक अकाल पड़
एक समय कुरुदेशमें ओलोंकी बड़ी भारी वर्षा हुईं। इससे सारे उगते हुए पौधे नष्ट हो गये और भयानक अकाल पड़
एक नरेशकी श्रद्धा हो गयी एक महात्मापर। नरेशने संतकी सेवाका महत्त्व सुना था। वे राजा थे, अतः अपने ढंगसे वे
फ्रेडरिककी सेनामें एक मनुष्य कभी लेफ्टनेंट कर्नलके पदपर रहा था। काम न होनेसे उसे अलग कर दिया गया। वह बार-बार
बुद्धिर्यस्य बलं तस्य किसी वनमें चन्द्रसरोवर नामका एक तालाब था। उसके किनारे खरगोशोंका एक समूह रहा करता था। खरगोश किनारेपर
* ‘जाहि निकारो गेह ते क्यों न भेद कहि देइ’ कुम्भकर्णसहित अनेक राक्षस सेनापतियोंका वध हो जानेपर इन्द्रजित् मेघनादने युद्धभूमिमें
लेनदार कौन ? छात्र जीवनमें स्वामी रामतीर्थको दूध बड़ा प्रिय था। वे एक हलवाईसे खरीदकर प्रतिदिन दूध पिया करते थे।
(3) आलसी मत बनो एक लकड़हारा जंगलमें लकड़ी लाने रोज जाता था और उसे एक अपाहिज लँगड़ी लोमड़ी रोज दिखायी
श्रीगोंदवलेकर महाराजकी पहली पत्नीका देहान्त हो चुका था। दो-चार माहके बाद उनकी माँने उन्हें दूसरी शादी करनेपर मजबूर किया। मातृभक्तिके
कोसलका राजा ब्रह्मदत्त प्रायः आखेटमें ही रहता था। जब वह शिकारमें निकलता था, तब उसके पीछे पीछे उसकी बड़ी भारी
एक देशमें दो आदमी दुर्भाग्यसे गुलाम बन गये थे। एकका नाम एन्टोनिओ था और दूसरेका नाम रोजर । दोनों एक