चिरकारी प्रशस्यते
‘चिरकारी प्रशस्यते’ महर्षि गौतम (मेधातिथि) के एक चिरकारी नामवाला पुत्र था, जो बड़ा बुद्धिमान् था। वह किसी कार्यपर बहुत देरतक
‘चिरकारी प्रशस्यते’ महर्षि गौतम (मेधातिथि) के एक चिरकारी नामवाला पुत्र था, जो बड़ा बुद्धिमान् था। वह किसी कार्यपर बहुत देरतक
चक्रवर्ती सम्राट् भरतकी धारणा थी कि वे समस्त भूमण्डलके प्रथम चक्रवर्ती हैं-कम-से-कम वे ऐसे प्रथम चक्रवर्ती हैं, जो वृषभाचलपर पहुँच
चित्तकी वासनाओंसे मुक्तिका उपाय हम अकसर यह सोचते हैं कि भजन करनेसे पूर्व हमारा चित्त पूर्णरूपसे निर्द्वन्द्व हो जाय और
एक साधुने ईश्वरप्राप्तिकी साधनाके लिये कठिन तप करते हुए छ: वर्ष एकान्त गुफामें बिताये और प्रभुसे प्रार्थना की कि ‘प्रभो!
दक्षिण भारतका बहुत छोटा-सा राज्य था बल्लारी उसका शासक कोई वीर पुरुष नहीं था, एक विधवा नारी थी। परंतु वह
‘दक्षिणेश्वर मन्दिरके परमहंसदेव समर्थ हैं मेरी विपत्ति दूर करनेके लिये। वे मुझे कितना चाहते हैं!’ नरेन्द्र (विवेकानन्द) – ने दक्षिणेश्वर
अच्छा पैसा ही अच्छे काममें लगता है अबुल अब्बास ईश्वर-विश्वासी त्यागी महात्मा थे; वे किसीसे भीख नहीं माँगते, टोपी सीकर
राजा बननेका योग मूलतः ज्योतिषशास्त्र कर्तव्यशास्त्र और व्यवहारशास्त्र है। इस बातकी सत्यता ज्ञात करनेके लिये किसी राजाने विद्वान् ज्योतिषियों एवं
अनेक बार तनिक सी असावधानी दारुण दुःखका कारण हो जाती है। बहुत से कार्य ऐसे हैं, जिनमें नाममात्रकी असावधानी भी
महर्षि गौतमके आश्रम में कई शिष्य रहते थे। वे आश्रममें विद्याध्ययन करते हुए गुरुकी गृहकार्यमें मदद भी करते थे। इसी