
अच्छा पैसा ही अच्छे काममें लगता है
अच्छा पैसा ही अच्छे काममें लगता है अबुल अब्बास ईश्वर-विश्वासी त्यागी महात्मा थे; वे किसीसे भीख नहीं माँगते, टोपी सीकर

अच्छा पैसा ही अच्छे काममें लगता है अबुल अब्बास ईश्वर-विश्वासी त्यागी महात्मा थे; वे किसीसे भीख नहीं माँगते, टोपी सीकर

राजा बननेका योग मूलतः ज्योतिषशास्त्र कर्तव्यशास्त्र और व्यवहारशास्त्र है। इस बातकी सत्यता ज्ञात करनेके लिये किसी राजाने विद्वान् ज्योतिषियों एवं

अनेक बार तनिक सी असावधानी दारुण दुःखका कारण हो जाती है। बहुत से कार्य ऐसे हैं, जिनमें नाममात्रकी असावधानी भी

महर्षि गौतमके आश्रम में कई शिष्य रहते थे। वे आश्रममें विद्याध्ययन करते हुए गुरुकी गृहकार्यमें मदद भी करते थे। इसी

अहंकारी नहीं, विनम्र बनें रूसके एक महान् विचारक हुए हैं-‘आस्पेन्स्की ‘सत्यका सिद्धान्त’ नामक उनकी एक कृतिको श्रेष्ठतम कृतियोंमें स्थान प्राप्त

सैकड़ों साल बीत गये, किन्हीं दो नदियोंके पवित्र संगमपर एक तपोधन ब्राह्मण रहते थे। उनका नाम कौशिक था। वे अपने

ईश्वरीय विधान ही कल्याणकारी एक छोटेसे गाँवमें एक व्यापारी था। उसके पास रुपयोंकी कुछ बहुतायत हो गयी उनसे उसने माल

नये दारोगाने जगन्मित्रकी जमीन जप्त करनेका | अ निश्चय किया। लोगोंने उसे समझाया- ‘इस परम संतको हमलोगोंने यह भूमि इनाममें

प्राचीन कालमें एक राजा थे, जिनका नाम था इन्द्रम्र से बड़े दानी, धर्मज्ञ और सामर्थ्यशाली थे। धनार्थियोंको वे सहस्र स्वर्णमुद्राओंसे

किसी नरेशको पक्षी पालनेका शौक था। अपने पाले पक्षियोंमें एक चकोर उन्हें इतना प्रिय था कि उसे वे अपने हाथपर