
बुद्धिमानीका परिचय
चीनके एक बादशाहके शासन कालमें प्रजाको अनेक प्रकारके कर देने पड़ते थे। बाहरसे आनेवाली वस्तुओंपर बड़ा शुल्क देना पड़ता था।

चीनके एक बादशाहके शासन कालमें प्रजाको अनेक प्रकारके कर देने पड़ते थे। बाहरसे आनेवाली वस्तुओंपर बड़ा शुल्क देना पड़ता था।

एक वीतराग संतका दर्शन करने वहाँके नरेश पधारे। साधु कौपीन लगाये भूमिमें ही अलमस्त पड़े थे। नरेशने पृथ्वीपर मस्तक रखकर

पूर्वानुमानका महत्त्व एक राजाको बन्दर पालनेका शौक था। उसका वह शौक ही उसका मनोरंजन था। वह समस्त प्रकारके बन्दरोंको एकत्रित

बोध-पीयूष-बिन्दु क्रियासिद्धिः सत्त्वे वसति महतां नोपकरणे॥ (हनुमन्नाटक 7/7) महापुरुषोंके कार्योंकी सफलता साधनोंमें नहीं, अपितु उनके आत्मबलमें निवास करती है। मनसि

बोध-सूक्ति- पीयूष ‘अनिर्वेदः सिद्धेर्मूलम् ॥’-निराशाका अभाव हो सफलताका मूल है। ‘न सन्देहदेहो वीरव्रतनिर्वाहः ॥ ‘ – वीरोचित आचरण संशयग्रस्त मनसे

नगरका नाम और ठीक समय स्मरण नहीं है। वर्षा ऋतु बीती जा रही थी; किंतु वर्षा नहीं हुई थी। किसानों

23 मार्च 1931 की रातमें लाहौर जेलमें भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरुको श्रीगांधीजी आदिकी लाख चेष्टाके बाद भी फाँसी दे

(2) ऐसे सेवाभावी थे सन्त दादू सन्त दादू जयपुरसे दूर एक जंगलमें ठहरे थे। उनकी ख्याति सुनकर शहरके कोतवाल घोड़ेपर

जापानके किसी नगरमें एक वृद्ध व्यक्ति रहता था । वह और उसकी पत्नी दोनों बड़े उदार थे। पशु पक्षियोंके प्रति

गत वर्ष मैं पटनेमें मकान बना रहा था। बरसात के कुछ पहले एक वैगन चूना आ गया। चारों तरफ ईंट