डॉक्टर हो तो ऐसा
डॉक्टर हो तो ऐसा सन् 1938 ई0 की बात है, चीन और जापानमें लड़ाई चल रही थी। चीनकी पीली नदीके
डॉक्टर हो तो ऐसा सन् 1938 ई0 की बात है, चीन और जापानमें लड़ाई चल रही थी। चीनकी पीली नदीके
4- ‘दशमस्त्वमसि’ [ दसवें तुम्हीं हो! ] दस जवान किसी समय दूसरे गाँव जा रहे थे। रास्तेमें एक बड़ी नदी
शब्दों में शक्ति-संचार डॉक्टर हेडगेवारजीके शब्द बड़े सरल होते थे, किंतु ऐसी महान् आत्माओंद्वारा उच्चरित शब्दोंमें अप्रतिकार्य शक्तिका संचार हो
एक बार देवर्षि नारदजी महीसागर संगममें स्नान करने पधारे। उसी समय वहाँ बहुत से ऋषि-मुनि भी आ पहुँचे। नारदजीने उनसे
‘प्रभो! मेरे दुःखी पुत्रपर सुख-शान्तिकी वर्षा करना। संत उसपर प्रसन्न रहें तथा उसका जीवन पवित्र तथा प्रभु प्रेममय रहे ।
ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा एक भारतीय परिवारके लोग जापानकी राजधानी टोक्योके एक होटलमें ठहरे। जब वे बाजार गये तो उन्हें वहाँ
संसारमें हमसे भी दुखी प्राणी हैं खरगोश बड़े दुर्बल और डरपोक प्राणी होते हैं। बलवान् जानवर उन्हें देखते ही मारकर
स्वामी विवेकानन्दके जीवनके कतिपय प्रेरक-प्रसंग (डॉ0 श्रीसुरेशचन्द्रजी शर्मा, एम0एससी0 (एजी0), पी-एच0डी0) अलवरके महाराजके साथ भेंट एक निर्भय जीवन स्वामी विवेकानन्द
काश्मीरके हिंदू नरेश अपनी उदारता, विद्वत्ता और न्यायप्रियता के लिये बहुत प्रसिद्ध हुए हैं। उनमेंसे महाराज चन्द्रापीड उस समय गद्दीपर
वीणाका सम्मान मैसूरके श्रीशेषण्णा वीणा बजानेमें माहिर थे। मैसूरके महाराजा उनका बहुत सम्मान करते थे। हालाँकि यश और सम्मान पानेके