सहनशीलता (1)
बंगालके प्रसिद्ध विद्वान् श्रीविश्वनाथ शास्त्री एक बार दूसरे विद्वानोंसे शास्त्रार्थ कर रहे थे। जब विपक्षके विद्वान् शास्त्रार्थमें हारने लगे, तब
बंगालके प्रसिद्ध विद्वान् श्रीविश्वनाथ शास्त्री एक बार दूसरे विद्वानोंसे शास्त्रार्थ कर रहे थे। जब विपक्षके विद्वान् शास्त्रार्थमें हारने लगे, तब
एक नया संकल्प लंदनके वालवर्ध उपनगरके अधिकांश निवासी निर्धन और अशिक्षित थे। यह अपराधियोंकी बस्ती जानी जाती थी। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयमें
पहले समयकी बात है। सिंधु देशकी पल्लीनगरीमें कल्याण नामका एक धनी सेठ रहता था। उसकी पत्नीका नाम इन्दुमती था। विवाह
(7)अपनेको बड़ा न समझें रामकृष्ण परमहंसके दो शिष्य इस बातपर झगड़ा करने लगे कि उनमें कौन बड़ा है ? झगड़ा
किसी वृक्षपर एक उल्लू बैठा हुआ था। अचानक एक हंस उड़ता हुआ उस वृक्षपर आ बैठा। हंस स्वाभाविक रूपमें बोला-‘उफ्!
एक बार एक तंग रास्तेपर काशिराज और कोसलराज दोनोंके ही रथ आमने-सामने आ गये। अब बिना रास्तेसे एक ओर हटे
मानकोजी बोधला भगवान्के परम भक्त थे, उनको भगवान्के दर्शन तथा उनसे वार्तालापका सौभाग्य प्राप्त था। एक बार बातचीतमें भगवान्ने कहा-‘मुझे
नम्र बनो, कठोर नहीं ! एक चीनी सन्त बहुत बूढ़े हो गये। देखा कि अन्तिम समय निकट आ गया है,
तुकाराम मराठा – इतिहासमें एक स्मरणीय तथा अलौकिक पुरुष हो गये हैं। वे अत्यन्त चतुर तथा विनोदी थे प्रपद्धोंसे वे
ग्वारिया बाबा वृन्दावनके एक प्रसिद्ध परम भक्त थे। वे पागलकी तरह रहते थे। एक दिन वे अपनी मस्तीमें कहीं पड़े