
संसारमें हमसे भी दुखी प्राणी हैं
संसारमें हमसे भी दुखी प्राणी हैं खरगोश बड़े दुर्बल और डरपोक प्राणी होते हैं। बलवान् जानवर उन्हें देखते ही मारकर

संसारमें हमसे भी दुखी प्राणी हैं खरगोश बड़े दुर्बल और डरपोक प्राणी होते हैं। बलवान् जानवर उन्हें देखते ही मारकर

स्वामी विवेकानन्दके जीवनके कतिपय प्रेरक-प्रसंग (डॉ0 श्रीसुरेशचन्द्रजी शर्मा, एम0एससी0 (एजी0), पी-एच0डी0) अलवरके महाराजके साथ भेंट एक निर्भय जीवन स्वामी विवेकानन्द

काश्मीरके हिंदू नरेश अपनी उदारता, विद्वत्ता और न्यायप्रियता के लिये बहुत प्रसिद्ध हुए हैं। उनमेंसे महाराज चन्द्रापीड उस समय गद्दीपर

वीणाका सम्मान मैसूरके श्रीशेषण्णा वीणा बजानेमें माहिर थे। मैसूरके महाराजा उनका बहुत सम्मान करते थे। हालाँकि यश और सम्मान पानेके

यूनानकी बोधपरक लोककथाएँ यूनान और भारतके सम्बन्ध अत्यन्त प्राचीनकालसे रहे हैं। विश्वकी प्राचीन सभ्यताओंमें यूनान और भारतकी सभ्यताओंकी गणना होती

माता जीजाबाई महाराष्ट्रके एक गाँवमें एक छोटी-सी बच्ची खेल रही थी। अकस्मात् कुछ यवन सैनिक एक मन्दिरको तोड़नेके लिये आ

एक बारकी बात है। सुफियानने महात्मा फजलके साथ सारी रात धर्मचर्चामें बितायी। दूसरे दिन चलते समय उन्होंने बड़ी प्रसन्नताके साथ

परमात्माके भक्ति-साम्राज्यमें निवास करनेवाले संत सदा अभय होते हैं। वे किसीसे भी नहीं डरते। सोलह सौ वर्ष पहलेकी एक घटना

एक संत कपड़े सीकर अपना निर्वाह करते थे। एक ऐसा व्यक्ति उस नगरमें था जो बहुत कपड़े सिलवाता था और

पशुओंपर क्रूरतासे अनिष्टकी प्राप्ति सवाई माधोपुर जिलेमें खण्डार तहसीलके बालेर ग्रामकी घटना है। वहाँके रहनेवाले शर्माजी, जो अंग्रेजीके व्याख्याता थे,