ताओ-कथा
चीनके एक गाँवमें एक किसान रहता था। एक दिन उसका घोड़ा रस्सी तुड़ाकर भाग गया। उसके पड़ोसियोंने उसके घर आकर अफसोस जाहिर किया। किसान चुप रहा।
दूसरे दिन वह घोड़ा वापस आ गया और अपने साथ तीन जंगली घोड़े और ले आया। किसानके पड़ोसियोंने आकर खुशी जाहिर की। वह किसान तब भी शान्त रहा।
दो दिन बाद एक जंगली घोड़ेकी सवारी करनेके प्रयासमें किसानका इकलौता बेटा अपनी टाँग तुड़ा बैठा। पड़ोसियोंने इसपर सहानुभूति प्रकट की। किंतु किसान इस बात से भी अप्रभावित ही रहा; क्योंकि उसे परमात्माका प्रत्येक निर्णय कल्याणकारी ही प्रतीत होता था।
अगली सुबह सेनाके अधिकारी गाँव आये और गाँवके सभी जवान लड़कोंको उन्होंने जबरदस्ती सेनामें भर्ती कर लिया। उस किसानका बेटा पैर टूटा होनेके कारण भर्ती होनेसे बच गया।
कोई नहीं जानता कि हमारे लिये क्या अच्छा है। और क्या बुरा? केवल परमपिता परमेश्वर ही जानता है कि हमारे लिये क्या अच्छा है।
Tao-tale
A farmer lived in a village in China. One day his horse broke the rope and ran away. His neighbors came to his house and expressed their regret. The farmer remained silent.
The horse came back the next day and brought three more wild horses with him. The neighbors of the farmer came and expressed happiness. That farmer remained calm even then.
Two days later, the farmer’s only son broke his leg while trying to ride a wild horse. Neighbors expressed sympathy on this. But the farmer remained unaffected by this also; Because to him every decision of God seemed beneficial.
The next morning army officers came to the village and forcibly recruited all the young boys of the village into the army. That farmer’s son was saved from being admitted because of a broken leg.
No one knows what is good for us. and what’s worse? Only God the Father knows what is good for us.