बुराई पर अच्छाई के जीत का प्रतीक है रंगपंचमी

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हमारे देश में बहुत त्योहार मनाये जाते हैं । उन त्योहारों में से एक रंगपंचमी का त्योहार है ‌। हमारे देश में होली के पांचवें दिन मतलब चैत्र कृष्ण पंचमी को रंगपंचमी का त्योहार बहुत धुमधाम से मनाया जाता हैं ।‌ महाराष्ट्र , गुजरात और मध्यप्रदेश में यह त्योहार बहुत धुमधाम से मनाया जाता हैं । रंगपंचमी के दिन एक दूसरे के शरीर पर रंग लगाया जाता हैं । यह त्योहार बुराई पर अच्छाई के जीत का प्रतीक हैं । रंगपंचमी होली त्योहार का ही एक भाग हैं । देश के अलग-अलग हिस्सों में रंगपंचमी का त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता हैं ।

रंगपंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता हैं
ऐसी मान्यता हैं की इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा के साथ होली खेली थी । इस दिन भगवान कृष्ण और राधा की मुख्य रूप से पूजा की जाती हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला रचाई थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था । रंगपंचमी की एक अन्य मान्यता हैं की होलाष्टक के दिन भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था । उस वक्त पूरे देवलोक में उदासी हो गई थी । उस वक्त सारे देवी – देवता चिंतित हो गये थे ।

उनके मन में विचार चल रहा था की बिना कामदेव के किस तरह संसार चलाया जाए । तब सभी देवी – देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की। भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और जीवीत होने का आश्वासन दिया। इसके बाद सभी देवी – देवता आनंदित हो गये और रंगोत्सव मनाने लगे। उस वक्त से हर साल चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथी को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन हवा में रंग और अबीर उड़ाने से वातावरण में सकारात्मकता फैलती है । इसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ती के जीवन पर पड़ता है । ऐसा माना जाता है कि इससे लोगों के पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र मन से पूजा पाठ करने से देवी – देवता भक्तों को आशीर्वाद देने आते हैं और इस दिन पूजा पाठ करने से कुंडली के बड़े दोष भी दूर किए जा सकते हैं।

रंग पंचमी किस जगह पर कैसे मनाई जाती हैं
1 ) महाराष्ट्र –
महाराष्ट्र में रंगपंचमी बहुत धूमधाम से मनाई जाते हैं। महाराष्ट्र में कई जगहों पर होली के दूसरे दिन रंग पंचमी का त्योहार मनाते हैं और कई जगहों पर होली के बाद पंचमी के दिन रंगपंचमी का त्योहार मनाते हैं। इस दिन कुछ लोग सूखे रंगों से होली खेलते हैं तो कुछ लोग पानी में रंग मिलाकर होली खेलते हैं।

इस दिन गुब्बारे में रंग का पानी भरकर भी एक-दूसरे के शरीर पर फेंककर फोड़े जाते हैं। रंगपंचमी के दिन महाराष्ट्र में पूरनपोली बनाई जाती है । महाराष्ट्र में मछुआरों के लिए रंगपंचमी का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इन मछुआरों की बस्ती में संगीत के जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ।

2 ) मध्यप्रदेश –
मध्यप्रदेश में रंग पंचमी का त्योहार बहोत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मध्य प्रदेश में जुलूस निकाला जाता है। इस दिन मध्यप्रदेश में लोग एक दूसरे के शरीर पर सुगंध और रंग से बनाया हुआ जल उड़ाते हैं । इस दिन जगह-जगह सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाते हैं। इंदौर में भी रंग पंचमी के त्योहार का विशेष आयोजन किया जाता है। इंदौर में इस दिन जुलूस का आयोजन किया जाता है। पूरे देश में इंदौर की रंगपंचमी बहुत प्रसिद्ध है।

3 ) राजस्थान –
राजस्थान में जैसलमेर मंदिर में रंगपंचमी के दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं । इस दिन जैसे मंदिर में लोकनृत्य का कार्यक्रम भी होता हैं । राजस्थान में रंगपंचमी के दिन लाल , नारंगी और फिरोजी रंग हवा में उडाये जाते हैं ।

4 ) उत्तरप्रदेश –
उत्तरप्रदेश में भी होली धुमधाम से मनाई जाती हैं । उत्तरप्रदेश में मथुरा , वृंदावन और बरसाने की लट्ठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं । रंगपंचमी के दिन बाराबंकी में सूफी संत हाजी वरिश अली शाह की दरगाह में भी होली खेली जाती हैं । इस जगह पर हिंदू – मुस्लिम लोग मिलकर एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं और यह त्योहार धुमधाम से मनाते हैं । इस दिन उत्तरप्रदेश में बेसन की सेंव और दहीबड़े बनाये जाते हैं । उत्तरप्रदेश में इस दिन भांग और थंडाई जैसे पेय भी पिये जाते हैं । कुछ लोग इस दिन खीर – पूड़ी , पूडे़ यह व्यंजन भी बनाते हैं ।

5 ) छत्तीसगढ़ –
छत्तीसगढ़ में लगभग 300 सालों से भी अधिक समय से लट्ठमार होली की परंपरा चली आ रही हैं । छत्तीसगढ़ में जांजगीर से 45 किलोमीटर की दूरी पर पंतोरा गांव में हर साल रंगपंचमी के दिन कुंवारी लड़कीयां गांव में घुमती है और पुरुष दिखने पर उनके उपर लाठियां बरसाती हैं । कोई भी सरकारी कर्मचारी हो या पुलिस हो इस गांव में इस दिन लडकीया हर पुरुष पर लाठीया बरसाती हैं । इस दिन गांव में इधर उधर फिरने वाले पुरुषों को लाठीयों से मार खानी पड़ती हैं ।

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