
एकनाथ मेरा ध्यान मृत्यु
एकनाथ महाराज के पास एक वैष्णव आया। उसने महाराज को पूछा कि आपका मन ईश्वर में,सदासर्वदा श्रीकृष्ण में कैसे स्थिर

एकनाथ महाराज के पास एक वैष्णव आया। उसने महाराज को पूछा कि आपका मन ईश्वर में,सदासर्वदा श्रीकृष्ण में कैसे स्थिर

जब हम ‘राधाकृष्ण’ शब्द सुनते हैं तो हमारे मन में प्रेम, भक्ति और परीकथाओं का सौंदर्य बह जाता है। परन्तु

भगवान शिव का पाशुपतास्त्र एक अमोघ अस्त्र माना जाता है। बात उस समय की जब हस्तिनापुर के कार्यकारी महाराज धृतराष्ट्र

भगवान शिव का पाशुपतास्त्र एक अमोघ अस्त्र माना जाता है। बात उस समय की जब हस्तिनापुर के कार्यकारी महाराज धृतराष्ट्र

एक भक्त भगवान से अन्तर्मन से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे परमात्मा मेरे सब कुछ आप ही है आप

कृष्ण मिलन यज्ञ में श्रद्धा पत्नी है ,आत्मा यजमान ,शरीर यज्ञ भूमि और फल परमात्मा विष्णु से मिलन,परमात्मा से मिलन

अपने निवास स्थान योगेश भवन से निकलकर नजदीक ही स्थित भंवरताल पार्क की ओर जाने लगा। मेरी वह चाल ही

अवचेतन मन से कुछ भी पाया जा सकता है।अवचेतन मन- अंतर आत्मा- सूक्ष्म जीव या अन्य कई नामो से जाना

इस सृष्टि के जंहा मे तु ही समाया जीधर नजर जाती है तु ही तु नजर आता हैबाहर और भीतर
सैल्फ कोन्फीडन्स आत्म विश्वासआत्मविश्वास से भरा हुआ व्यक्ति का जीवन मुस्कराता है। हमारा जीवन धन आत्मविश्वास है। हम आत्मविश्वास से