
गीत का गान हो तुम
गीत का गान हो तुम, खिले हुए फुल हो तुम। प्रत्येक मनुष्य एक गीत लेकर पैदा होता है और बहुत
गीत का गान हो तुम, खिले हुए फुल हो तुम। प्रत्येक मनुष्य एक गीत लेकर पैदा होता है और बहुत
परमात्मा से मिलन मनुष्य-जन्म में ही संभव है परमात्मा ने सिर्फ इन्सान को ही यह हक़ दिया है यह मनुष्य-शरीर
मिलन की तङफ के बैगर आंसू छलकते नहीं। हर क्षण प्रभु मे खोना होता है। जितने भगवान पास में होंगे
जो चंद्रमा की तरह विमल, शुद्ध, स्वच्छ और निर्मल है तथा जिसकी सभी जन्मों की तृष्णा नष्ट हो गई, वही
हृदय से ढूंढने पर ही परमात्मा मिलेंगे। संत महात्मा हमें मार्ग दिखा देंगे, पर लगन का दीपक हमें अपने आप
ईश्वर ने अपनी माया से चौरासी लाख योनियों की रचना की लेकिन जब उन्हें संतोष न हुआ तो उन्होंने मनुष्य
!! ताश का मर्म !! हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे
आत्मचिंतन करने के लिए समर्पण भाव का जागृत होना आवश्यक है परमात्मा के मै दर्शन कर लू परमात्मा कैसा है
मनुष्य जीवन में एकनिष्ठ होना बहुत ही आवश्यक है,,एक जगह निशाना लगाने से हमारी एकाग्रता सदैव बनी रहती है। कई
महावीर कहते हैं, किससे प्रार्थना करते हो? किसकी प्रार्थना करते हो? प्रार्थना से कुछ न होगा, ध्यान में उतरो। चुप