
अर्जुन की तपस्या पाशुपतास्त्र
भगवान शिव का पाशुपतास्त्र एक अमोघ अस्त्र माना जाता है। बात उस समय की जब हस्तिनापुर के कार्यकारी महाराज धृतराष्ट्र
भगवान शिव का पाशुपतास्त्र एक अमोघ अस्त्र माना जाता है। बात उस समय की जब हस्तिनापुर के कार्यकारी महाराज धृतराष्ट्र
एक भक्त भगवान से अन्तर्मन से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे परमात्मा मेरे सब कुछ आप ही है आप
कृष्ण मिलन यज्ञ में श्रद्धा पत्नी है ,आत्मा यजमान ,शरीर यज्ञ भूमि और फल परमात्मा विष्णु से मिलन,परमात्मा से मिलन
अपने निवास स्थान योगेश भवन से निकलकर नजदीक ही स्थित भंवरताल पार्क की ओर जाने लगा। मेरी वह चाल ही
अवचेतन मन से कुछ भी पाया जा सकता है।अवचेतन मन- अंतर आत्मा- सूक्ष्म जीव या अन्य कई नामो से जाना
इस सृष्टि के जंहा मे तु ही समायानजर जीधर जाती है तु ही तु नजर आता हैबाहर और भीतर तेरा
सैल्फ कोन्फीडन्स आत्म विश्वासआत्मविश्वास से भरा हुआ व्यक्ति का जीवन मुस्कराता है। हमारा जीवन धन आत्मविश्वास है। हम आत्मविश्वास से
हम कितनी ही साधना करे, परमात्मा का चिन्तन मनन नाम जप करे। प्रभु कि कृपा के बैगर हम ठूठ के
सृष्टि के विराट चक्र में युगों की यात्रा अब अपने अंतिमपड़ाव की ओर बढ़ रही है। सतयुग की निर्मलता,त्रेतायुगकी मर्यादा
बुद्ध के पास एक आदमी आया। उसने कहा. जो नहीं कहा जा सकता, वही सुनने आया हूं। बुद्ध ने आंखें