तुम शुद्ध चेतन आत्मा हो
यह देह आपने नहीं बनाई जिसने इस देह का निर्माण किया वो ही इस देह के भीतर बैठा है उसी
यह देह आपने नहीं बनाई जिसने इस देह का निर्माण किया वो ही इस देह के भीतर बैठा है उसी
जब चूल्हा भी यज्ञ बन जाए और गृहस्थी तपोवन! सुबह की पहली किरण जब धरती पर उतरती है, तब एक
योग में नाड़ी वह मार्ग है जिससे होकर शरीर की ऊर्जा प्रवाहित होती है। नाडियाँ शरीर में स्थित नाड़ीचक्रों को
एकनाथ जी महाराज ने ‘कैवल्य मुक्ति किसे कहते हैं’.. इसे समझाने के लिए अपनी रामायण में एक बहुत सुंदर कथा
अन्तर आत्मा की एक ही पुकार भगवान राम के दर्शन कैसे हो। हृदय में भगवान राम के दर्शन कर पाऊं
क्या आपने कभी सोचा है कि लोग जन्म-जन्मांतर तक जप करते रहते हैं, फिर भी ईश्वर उनके समक्ष प्रकट क्यों
क्या हैं शिव और शक्ति के अर्धनारीश्वर स्वरूप की महिमा और क्या महत्व है -” प्रार्थना और प्रतीक्षा” का?PART-01कौन है
जीवन का जीने की कला का दूसरा सूत्र हैः प्रामाणिकता। एक ही तुम्हारा व्यक्तित्व होना चाहिए, दोहरा नहीं। पहला सूत्र
योऽन्तःसुखोऽन्तरारामस्तथान्तर्ज्योतिरेव यः।स योगी ब्रह्मनिर्वाणं ब्रह्मभूतोऽधिगच्छति।। जीव ब्रह्म को जानकर वह स्वयं ब्रह्मस्वरूप बनकर परम मोक्ष को प्राप्त होता है।(गीताजी) वह
जिन लोगों से ध्यान नहीं हो पा रहा तो म्रत्यु कैसे घटित होगी ? ध्यान और म्रत्यु मे ज्यादा कोई