भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है।
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे

हम अयोध्या में राम के दर्शन करने आये हैं। श्री राम जय राम जय जय रामराजा राम के राज तिलक

राम मंदिर के उद्घाटन की धुम मची है चारो ओर।हिन्दू संस्कृति अब जाग्रत होगी जन जन मेराम मंदिर राम राज्य

ज्ञान कोई नहीं देता है। ज्ञान प्राप्त कर के क्या करोगे जीवन अर्पण करो तब कुछ हो एक एक सांस

प्रथम राम राम मेरे भगवान् तुमको करती हूं। हे परमात्मा तुम मेरी आत्मा के स्वामी हो। हे परम पिता परमात्मा

दिपावली पर मन मन्दिर सजाएंगे। हमारे मन की पवित्रता ही दिपावली है शान्ति ही अयोध्या नगरी है। हमे मन मन्दिर

तुम विराट तुम जीवन धन हो ।तुम सब प्राणो के प्राणअणु-अणु की गति साधन संबल । तुम ज्योतित जय सत्य

हमारा मन तङफ रहा है दिल भाव चाहता है भाव बनते नहीं है। हम खोज रहे हैं हमे खोज का

परमेश्वर से मिलन मनुष्य-जन्म में ही संभव है परमात्मा ने सिर्फ इन्सान को ही यह सोभाग्य दिया है यह मनुष्य-शरीर

आज मैं अपने आपको ठोक ठोक कर देखना चाहती हूँ मुझमे क्या छिपा हुआ है मुझमे कुछ गुण भी है